इंग्लैंड क्रिकेट ने बनाया जबरदस्त मास्टर प्लान, खिलाड़ियों को टी20 लीग से बचाने के लिए दिया तगड़ा बोनस


इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने अपने खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी क्रिकेट की लालच से बचाने के लिए एक बेहतरीन कॉन्ट्रैक्ट यानी अनुबंध की पेशकश की है। आजकल दुनियाभर के क्रिकेटर्स का रूझान फ्रेंचाइजी क्रिकेट की ओर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है, क्योंकि फ्रेंचाइजी उन्हें मोटी रकम ऑफर करती है। आईपीएल की फ्रेंचाइजी अब दुनियाभर की टी20 लीग से जुड़ रही है, और अपने खिलाड़ियों को काफी ज्यादा पैसे भी दे रही है। इंग्लैंड के कई खिलाड़ी भी इसी चक्रव्यूह में फंसे हैं, और इसलिए इंग्लैंड क्रिकेट ने अपने खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजियों के इस चक्रव्यूह से निकालने के लिए पारंपरिक एक साल वाले अनुबंध की जगह 3 साल के अनुबंध की घोषणा की है।

कौन किस कैटेगरी में होगा शामिल?

रिपोर्ट के मुताबिक 26 खिलाड़ियों को अनुबंध ऑफर किया गया है। इन 26 में से 20 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें एक से ज्यादा सालों वाले अनुबंध ऑफर किए गए हैं। इस लिस्ट में बेन स्टोक्स, हैरी ब्रूक और मार्क वुड जैसे कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें पूरे तीन साल का अनुबंध ऑफर किया गया है। वहीं, इन 26 खिलाड़ियों में से ज्यादातर खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें दो साल के अनुंबध दिए गए हैं, और उन्हीं में से एक जॉनी बेयरस्टो भी हैं। इसके अलावा एक साल के अनुबंध उन खिलाड़ियों को ऑफर किए गए हैं, जो ज्यादा फ्रेंचाइजी क्रिकेट नहीं खेलते या अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं, जैसे जैक लीच और जेम्स एंडरसन, जिनकी उम्र हाल ही में 41 साल हो गई है।

इसके अलावा इंग्लैंड क्रिकेट अपने युवा तेज गेंदबाज जैसे जोश टंग और गस एटकिंसन को फ्रेंचाइजी क्रिकेट की जाल से बचाकर रखने के लिए तीन साल वाला अनुबंध ऑफर कर सकती है। इन दोनों खिलाड़ियों ने इसी साल इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया है। इन्हें जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे दिग्गज गेंदबाजों के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा है।

इसी तरह, 28 वर्षीय जोफ्रा आर्चर को भी इंग्लैंड क्रिकेट तीन साल का अनुबंध दे सकती है, क्योंकि मुंबई इंडियंस की टीम जोफ्रा आर्चर को अपनी टीम में रखने के लिए काफी उत्साहित दिख रही है। यही कारण है कि पिछले कई सीजन में चोटिल रहने के बाद भी मुंबई इंडियंस ने जोफ्रा का साथ नहीं छोड़ा है।

इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने इंग्लैंड क्रिकेट के इस कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को कॉन्ट्रैक्ट नहीं बल्कि बोनस बताया है। अब देखना होगा कि इंग्लैंड के इस नए सिस्टम के बाद उनके खिलाड़ी विदेशी लीग्स में खेलना कम करते हैं या नहीं।

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Edited by Rahul
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