नई दिल्ली. क्रिकेट और रिकॉर्ड का नाता कुछ ऐसा है जैसे सूरज-चांद का. कोई कितना भी कर ले इन दोनों को अलग किया ही नहीं जा सकता. इसीलिए जब-जब वर्ल्ड कप करीब आता है, उसके रिकॉर्ड रह-रहकर याद आने लगते हैं. कुछ रिकॉर्ड जहां आपको गौरवान्वित करते हैं तो कुछ दर्द कुरेद देते हैं. दर्द कुरेदने वाले कई रिकॉर्ड भारत के भी नाम हैं, जो शायद ही वह या कोई और देश दोहराना चाहे. यह अनचाहा रिकॉर्ड है सबसे कम रन से हारने का.
अब जैसा कि मैंने कहा कि यह ऐसा बुरा रिकॉर्ड है, जो शायद ही कोई टीम दोहराना चाहे. लेकिन संयोग देखिए कि भारत ने ही अपने इस रिकॉर्ड को दोहरा लिया. वह भी एक ही टीम के खिलाफ. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. जी हां, ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप में भारत को एक नहीं, बल्कि दो-दो बार एक रन से हराया है. ऑस्ट्रेलिया एक अकेली किस्मत वाली टीम है, जिसने वर्ल्ड कप में एक रन से कोई मुकाबला जीता है. तो भारत एक अकेली टीम, जिसे इस टूर्नामेंट में एक रन से शिकस्त मिली.
स्टीव वॉ की गेंद भूल पाना मुश्किल!
वर्ल्ड कप में भारत को एक रन से दर्द देने वाली पहली हार 1987 में मिली थी. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए 6 विकेट पर 270 रन बनाए थे. इसके जवाब में भारत ने एक समय 9 विकेट पर 269 रन बना लिए थे. भारत को आखिरी 2 गेंद पर जीत के लिए 2 रन चाहिए थे. लेकिन 2 रन तो छोड़िए, भारत एक रन भी नहीं बना सका. स्ट्राइक एंड पर मौजूद आखिरी भारतीय बैटर मनिंदर सिंह उम्मीद पर खरे नहीं उतरे. स्टीव वॉ ने 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर मनिंदर सिंह को क्लीन बोल्ड कर दिया. इस तरह भारत एक रन से मैच हार गया.

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भारत पर भारी पड़ा रिवाइज टारगेट
वर्ल्ड कप में भारत के साथ एक रन से हार का दर्दनाक वाकया 1992 में हुआ. एक मार्च 1992 को ब्रिस्बेन में खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट पर 237 रन बनाए. लेकिन जब भारत की बैटिंग आई तो साथ में बारिश भी आ गई, जो भारतीय टीम पर भारी पड़ गई. भारतीय पारी के 17वें ओवर के दौरान बारिश आने के बाद टारगेट रिवाइज कर दिया गया. भारत को 47 ओवर में 236 रन का नया टारगेट मिला. यानी भारतीय पारी के ओवर तो 3 कम हुए लेकिन ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सिर्फ दो रन कम किया गया. भारत के लिए कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की 93 रन की खूबसूरत पारी खेली. इसके बावजूद भारतीय टीम 47 ओवर में 234 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर एक रन से जीत गया.
कनाडा के नाम सबसे छोटा स्कोर
अगर किसी टीम के लिए एक रन से हारना कभी ना भूलने वाला दर्द हो सकता है तो सबसे छोटे स्कोर पर आउट होने वाली स्थिति तो और खराब कही जाएगी. अब इसे संयोग ही कहेंगे कि वर्ल्ड कप के लोएस्ट स्कोर की लिस्ट में कनाडा का नाम लगातार दो बार आता है. कनाडा की टीम 1979 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ महज 45 रन पर ढेर हो गई थी. यह उस वक्त वर्ल्ड कप का सबसे छोटा स्कोर भी था. 1999 तक यही वर्ल्ड कप का लोएस्ट स्कोर बना रहा. लेकिन 2003 में यह रिकॉर्ड टूट गया. कनाडा की टीम 2003 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ महज 36 रन पर ढेर हो गई. इस तरह कनाडा ने अपने ही खराब रिकॉर्ड को दोबारा दोहरा दिया.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 12:39 IST