कुरुक्षेत्र। पवित्र ब्रह्मसरोवर।
कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव इस बार कुछ अलग अंदाज में दिखाई देगा। खानपान से लेकर शिल्प व क्राफ्ट मेले को भी नया रूप दिया जाएगा। महोत्सव में आने वाले पर्यटक 10 से ज्यादा राज्यों के व्यंजनों का स्वाद चख सकेंगे तो वहीं प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल कर चुके शिल्पकारों की कला का जादू भी दिखाई देगा।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने इस बार पिछले वर्षों की बजाय कुछ विशेष बदलाव करने का खाका तैयार किया है, जिसे अमलीजामा पहनाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। टिक्की-चाट व सामान्य खानपान ही नहीं बल्कि बनाई योजना के तहत फूड कोर्ट में 10 से 12 राज्यों के विशेष व्यंजन होंगे, ताकि पर्यटक इनका स्वाद चख सकें। जिसके लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है।
अधिक संख्या में होंगे अवाॅर्डी शिल्प व कलाकार
महोत्सव में इस बार प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिल्पकारों को बुलाया जाएगा। हालांकि पहले भी अवाॅर्डी शिल्पकार अपनी-अपनी कला को यहां प्रदर्शित करते रहे हैं, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़ाई जाएगी। यही नहीं विभिन्न राज्यों के कलाकारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है और इस बार पहले दर्शकों का मनोरंजन कर चुके कलाकारों से भिन्न होंगे। ये कलाकार भी अपने-अपने राज्य के प्रसिद्ध कलाकार होंगे।
एक सप्ताह पहले ही लग जाएंगे झूले
महोत्सव का माहौल एक सप्ताह पहले ही दिखाई देना शुरू हो जाएगा। हर वर्ष महोत्सव में झूले लगाए जाते रहे हैं, जिनको लेकर बच्चों व बड़े लोगों में भी विशेष उत्साह रहता है। ये झूले इस बार ज्यादा दिन तक लगेंगे और महोत्सव से 20 दिन पहले ही शुरू हो जाएंगे और कई दिन बाद तक चलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के आने की पूरी उम्मीद
महोत्सव में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि चुनावी मौसम होने के चलते व्यवस्थाएं भी होंगी, लेकिन अभी तक सकारात्मक संदेश ही मिले हैं। महोत्सव को लेकर 20 दिन पहले भी यही संदेश मिल चुका है। इसी संदर्भ में केडीबी भी तैयारी में जुटा है।
महोत्सव की तैयारी जोरों पर : सिंघल
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल का कहना है कि इस बार पिछले वर्षों की अपेक्षा महोत्सव में कुछ बदलाव करने का प्रयास किया गया है, ताकि पर्यटकों को भी कुछ नया देखने को मिले। इसमें खानपान से लेकर शिल्पकला व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल है। संवाद