अगर आप अपने बच्चों को देते है सेरेलेक और नेस्ले का दूध तो हो जाएं सावधान, जानें वजह


नई दिल्ली: मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले इस सप्ताह विकासशील देशों में बेचे जाने वाले अपने बेबी फूड में चीनी की मात्रा को लेकर सुर्खियों में आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेबी के दूध और सेरेलेक जैसे अनाज प्रोडक्ट में चीनी और शहद शामिल है. नेस्ले इंडिया ने मीडिया को बताया कि पिछले पांच वर्षों में उसके शिशु अनाज रेंज में अतिरिक्त शुगर में 30 फीसदी तक की कमी आई है.

विकासशील देशों के लिए शिशु आहार में अधिक चीनी
पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के डेटा के मुताबिक सेरेलैक और नोडी ब्रांडों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में नेस्ले के मुख्य बाजारों में बेचे गए 115 उत्पादों की जांच के निष्कर्षों की सूचना दी. रिपोर्ट से पता चला कि भारत में जांचे गए सभी सेरेलैक बेबी अनाज उत्पादों में प्रति सेवारत औसतन लगभग 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी है. विशेष रूप से, जबकि विकासशील देशों में बेचे जाने वाले उत्पादों में अतिरिक्त चीनी मौजूद होती है, नेस्ले का यूरोपीय बाजार चीनी मुक्त शिशु पोषण उत्पाद पेश करता है.

पब्लिक आई और आईबीएफएएन की जांच में कम आय और मध्यम आय वाले देशों में बेचे जाने वाले नेस्ले के प्रोडक्ट और स्विट्जरलैंड में बेचे जाने वाले प्रोडक्ट के बीच चीनी सामग्री में अंतर उजागर हुआ है. विशेष रूप से, विकासशील देशों में नेस्ले के दो सबसे अधिक बिकने वाले शिशु-खाद्य ब्रांडों में अतिरिक्त चीनी का उच्च स्तर था, जो स्विट्जरलैंड में शुगर फ्री प्रोडक्ट के उलटा था.


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