अस्थमा की बीमारी में भारी पड़ सकते हैं 4 फूड! सर्दियों में भूलकर भी न खाएं, लापरवाही से बढ़ेगी परेशानी


Asthma Causing Foods: अस्थमा की बीमारी सर्दियों के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही से काफी बढ़ जाती है। इस सीजन में खान-पान का खास ख्याल रखना जरूरी होता है।

 

Neeraj Vyas

Asthma Causing Foods: अस्थमा के मरीजों के लिए मौसम का बदलाव काफी परेशानी पैदा करने वाला है। खासतौर पर विंटर सीजन अस्थमा की बीमारी के लिए काफी तकलीफभरा हो सकता है। इस मौसम में थोड़ी सी भी लापरवाही अस्थमा मरीजों के लिए बड़ी परेशानी पैदा कर सकती है। अस्थमा में खान-पान का विशेष ध्यान रखना होता है। अगर इस बात का ध्यान नहीं रखा जाए तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। आइए जानते हैं कि विंटर में अस्थमा मरीजों को किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। 

अस्थमा में न खाएं ये चीजे़ं 

अचार – अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें खांसी, सांस लेने में दिक्कत और छाती में अकड़न जैसी समस्याएं आती हैं। एकदम ठंडी और खट्टी चीजें इस बीमारी में मुश्किल पैदा कर सकती है। सर्दियों में अचार का सेवन अस्थमा की परेशानी को उभार सकता है। पबमेड में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक अचार को प्रिजर्व करने के लिए स्लफाइट डाला जाता है, जिससे अस्थमा का अटैक आ सकता है। 

पिस्ता-अखरोट – ठंड में स्वस्थ्य रहने के लिए ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि अस्थमा के पेशेंट्स के लिए विंटर में पिस्ता और अखरोट खाना मुश्किलभरा हो सकता है। इसमें एलर्जी पैदा करने वाले तत्व होते हैं, ऐसे में बिना चिकित्सकीय सलाह के इन्हें खाना नुकसानदायक हो सकता है। 

राजमा – राजमा काफी पसंद किया जाता है, खासतौर पर चावल के साथ राजमा का अलग ही मजा होता है। एक रिसर्च के मुताबिक बीन्स में खासतौर पर राजमा में एक ऐसा कार्बोहाइड्रेट होता है जिसके टूटने पर गैस बनती है और इससे अस्थमा में सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। 

चाय-कॉफी – बहुत से लोगों की दिन की शुरुआत चाय और कॉफी के बिना नहीं होती है। खासतौर पर सर्दियों में तो ये बेहद जरूरी हो जाती है, लेकिन अस्थमा पेशेंट्स के मामले में ऐसा नहीं है। एनसीबीआई की एक रिसर्च में पाया गया है कि दमा की बीमारी में चाय और कॉफी का सेवन काफी नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें एलर्जी पैदा करने वाले सैलिसाइलेट्स होते हैं जो कि परेशानी पैदा कर सकते हैं। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


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