दीपिका चिखलिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”हर बार जब यह पर्दे पर आता है, चाहे वह टीवी हो या फिल्म, तो उसमें कुछ न कुछ ऐसा होता है, जो लोगों को आहत करता है, क्योंकि हमने जो रामायण बनायी थी, आप वैसा नहीं बनाने जा रहे हैं.” आदिपुरुष की कुछ संवादों, कुछ किरदारों के चित्रण आदि को लेकर आलोचना हो रही है.