नई दिल्ली. अगर आपको लगता है कि प्रोसेस्ड फूड के नाम पर आप अपने नवजात को हेल्दी फूड खिला रहे हैं तो यह रिपोर्ट पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी है. बच्चों का प्रोसेस्ड फूड बनाने के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में से एक नेस्ले पर बड़े सवाल खड़े हुए हैं. भारत सरकार की जांच के घेरे में नेस्ले कंपनी आ चुकी है. बताया जा रहा है कि डबल स्टैंडर्ड का मामला सामने आने के बाद Nestle Products पर FSSAI की नजर है. कहा जा रहा है कि अगर गड़बड़ी मिली तो कंपनी पर कार्रवाई हो सकती है.
बेबी फूड प्रोडक्ट्स पर डबल स्टैंडर्ड का मामला सामने आने के बाद अब नेस्ले प्रोडक्ट पर FSSAI की भी नजर बनी हुई है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि रेगुलेटर की साइंटिफिक कमिटी इसकी जांच करेगी. सरकार ने भारत में बेचे जाने वाले शिशु के दूध में कथित तौर पर चीनी मिलाए जाने की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है. दरअसल, स्विस जांच संगठन पब्लिक आई की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में यह वा किया गया है कि नेस्ले कंपनी भारत में बेचे जा रहे बेबी फूड में शूगर का इस्तेमाल कर रही है. छोटी बच्चों को खाने में चीनी देना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार के निशाने पर अब ये कंपनी आ गई है.
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बेबी फूड के नमूनों की जांच
सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नेस्ले के बेबी फूड के नमूनों की जांच करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करेगा. साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सीनियर ऑफिसर जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे.
यूरोप और एशिया में क्या है नियम?
बता दें कि तमाम यूरोपीय देश और अमेरिका में बेबी फूड में एक्स्ट्रा शुगर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. कोई कंपनी इस नियम का उल्लंघन करती है तो उसपर मोटा जुर्माना लगाया जाता है. वहीं, भारत सहित तमाम एशियाई देशों की बात की जाए तो यहां बेबी फूड में शुगर के इस्तेमाल पर जुर्माने का प्रावधान नहीं है. जिसका फायदा अक्सर बड़ी कंपनियां उठाती हैं.
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Tags: Food safety Act, Healthy Foods
FIRST PUBLISHED : April 18, 2024, 15:35 IST