बंद पड़ा महिला शौचालय
महेवागंज(लखीमपुर खीरी)। तीन करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण के बाद इंदिरा मनोरंजन वन के नए कलेवर में लौटने की उम्मीद धरी की धरी रह गई। इंदिरा मनोरंजन की न तस्वीर बदली न तकदीर। सौंदर्यीकरण के बाद दोबारा शुरू हुए तीन माह भी नहीं बीते, पार्क बदहाल हो गया है। बच्चों के झूले और बैठने की सीटें टूटने लगी हैं। देखरेख और सुरक्षा के आभाव में अराजक तत्व हावी हो गए। पानी का आरओ और नल दगा दे रहे हैं। शौचालय में ताला पड़ गया है।
वर्ष 1987 में शहर से नौ किलोमीटर दूर शारदानगर रोड पर करीब 33 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खूबसूरत पिकनिक स्पॉट के रूप में इंदिरा मनोरंजन वन की स्थापना की गई थी। पिछले करीब दो दशक से वीरान पड़े इंदिरा मनोरंजन वन का हाल ही में तीन करोड़ रुपये से कायाकल्प किया गया। सीएनडीएस संस्था ने सौंदर्यीकरण का काम अप्रैल 2023 में पूरा किया। हालांकि, घटिया निर्माण की वजह से वन विभाग ने इसे अपनी जिम्मेदारी में लेने से इन्कार कर दिया था। बाद में जांच में सब कुछ ठीक मिलने पर वन विभाग इसे अनमने ढंग से इसे लिया।
मनोरंजन वन का उद्घाटन एक जुलाई को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र ने किया था। अभी तीन महीने भी नहीं बीते हैं कि झूले टूटने लगे। सीटें जर्जर हो गईं। बोटिंग कैनाल में बोट और पानी, दोनों नहीं हैं। शौचालय में ताला लगा है। कैंटीन शुरू नहीं हो पाई है। पूरे पार्क में गंदगी पसरी पड़ी है। सांकेतिक बोर्ड टूटे हैं। गेट के पास खुला पड़ा इलेक्ट्रिक वायर बॉक्स हादसे को दावत दे रहा है। आरओ बंद है, हैंडपंप खराब हो गया है।
इंदिरा मनोरंजन में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
इंदिरा मनोरंजन वन में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। पार्क में अराजक तत्वों का जमावड़ा रहने से लोग परिवार सहित पार्क में जाने से डरते हैं। तारों की बाड़ होने के बाद भी आसपास के लोग पार्क में अपने मवेशी चराने से बाज नहीं आ रहे हैं। बाइक चोरी का मामला हो या पार्क में जबरन पशु चराने की कोशिश, पार्क कर्मियों और दबंगों में कई बार आमना सामना हो चुका है। करीब दस दिन पहले वन दरोगा ने लोगों के उलझने पर पुलिस को तहरीर दी थी। आरोपियों पर कार्रवाई तो दूर पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नही की।
उपलब्ध बजट के अनुसार इंदिरा मनोरंजन वन का रखरखाव किया जा रहा है। कैंटीन और बोटिंग चालू होने में अभी दो माह का वक्त लग सकता है। लोगों में जागरूकता की कमी है। पार्क सबका है, यह सोच होनी चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था में भी सुधार किया जाएगा।
– अभय कुमार मल्ल, रेंजर शारदा नगर।