एक झटके में उड़ा ले जाते थे लग्ज़री कार, करोड़ों की कारों के साथ पुलिस ने दबोचा पूरा गिरोह Noida News


Noida News : यदि आप सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं, क्योंकि नोएडा में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो सेकेंड हैंड कार के नाम पर चोरी हुई कारों की बिक्री कर रहा है। नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर 10 लग्जरी कार एवं अन्य सामान बरामद किया है।

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कैसे एक झटके में उड़ाते थे लग्जरी कार

नोएडा के थाना सेक्टर 20 तथा थाना सेक्टर 1 की पुलिस ने एक संयुक्त कार्यवाही करते हुए अंतर्राज्यीय कार चोर गिरोह के आठ सदस्यों को नोएडा के सपबैल तिराहा सेक्टर 18 से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सरगना साकिब उर्फ गद्दू बेहद ही मास्टर माइंड है। यह गिरोह नोएडा, दिल्ली एवं एनसीआर, गाजियाबाद में सेक्टरों, कालोनियों में खडी लग्जरी कार जैसे फॉर्च्यूनर, स्कार्पियों, इनोवा, क्रेटा, बलैनो को चोरी करने को एक झटके में उड़ा देता है। पिछले कई सालों से गिरोह के सदस्य लग्जरी कारों को चोरी कर रहे हैं।

यह गिरोह मुख्यतः तीन चरणों में एनसीआर क्षेत्र से विभिन्न-विभिन्न कम्पनीयों की टॉप मॉडल कारों को चोरी करने का कार्य करते है। गिरोह के सदस्य मोहम्मद इमरान उर्फ टट्टी, मोहम्मद फरमान, राशिद उर्फ काला, शाहिबजादा, मोनू उर्फ जमशेद, मास्टर माइंड शाकिब उर्फ गद्दू के लिए कार्य करते है। जिनको शाकिब उर्फ गद्दू द्वारा कार चोरी करने के डिवायस,पैड, चाबियाँ एवं अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। जिनकी सहायता से यह लोग कारों को चोरी करते हैं।

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आन डिमांड की जाती थी लग्जरी कारों की चोरी

इस गिरोह के मुख्य सरगना शाकिब उर्फ गद्दू उसके गैंग में काम करने वाले सदस्य मो. इमरान उर्फ टट्टी, मो. फरमान, राशिद उर्फ काला, शाहिबजादा, मोनू उर्फ जमशेद को मार्केट में आई ऑन डिमान्ड ऐसी कार जो टोटल लॉस एवं कैश लॉस हो जाती हैं, पर आए आर्डर के अनुसार ही कारों को चोरी करने के लिए कहा जाता है। जिसके उपरांत गद्दू गैंग के सदस्य आपस में एकत्रित होकर कारों को चोरी करने की घटना को अंजाम देते है।

रिमोट की से स्टार्ट करते थे कार

गद्दू गैंग के सदस्य मो. इमरान उर्फ टट्टी, मो. फरमान, राशिद उर्फ काला, शाहिबजादा, मोनू उर्फ जमशेद, शाकिब उर्फ गद्दू द्वारा उपलब्ध कराई गई चोरी की कार से दिल्ली एनसीआर, नोएडा में रैकी कर असुरक्षित स्थान पर खडी उन कारों को चिन्हित करते हैं जो डिमान्ड में होती हैं। इसके बाद जब सारी परिस्थियाँ सामान्य होती हैं तो मो. फरमान एवं राशिद काला जो कि कारों की चाबी की प्रोग्रामिंग के एक्सपर्ट है के द्वारा असुरक्षित खडी गाडी का ड्राईवर साईड का शीशा ग्लास ब्रेकर की सहायता से तोड दिया जाता है।

यदि कार “PUSH BUTTON START” होती है तो मो. फरमान एवं राशिद उर्फ काला के द्वारा “KEY PROGRAMMING DEVICE” को एक कनैक्टिंग कैबल के माध्यम से कार में कनैक्ट कर प्रोग्रामिंग सहायता से एक “REMOTE KEY” तैयार कर कार को स्टार्ट कर लेते हैं और अगर यदि कार KEY स्टार्ट होती है तो कार के स्टेरियरिंग के नीचे होल कर KEY LOCK SET जो कि पूर्व से कार में लगा होता को निकाल लेते हैं तथा इनके पास मौजूद KEY LOCK SET WITH KEY को बदलकर कार को स्टार्ट कर लेते हैं। कार चोरी की इस प्रक्रिया में 3-4 मिनट लगते है।

इसी दौरान गद्दू गैंग के अन्य सदस्य शाहिबजादा व मोनू उर्फ जमशेद बाहर उतरकर आस-पास की निगरानी करते है ताकि कोई खतरा आने पर वह कार चोरी के कार्य में लगे सदस्यों को बता सके। इसके बाद एक सदस्य मो. इमरान कार को स्टार्ट रखकर भागने के लिए तैयार रहता है। जैसे ही कार स्टार्ट हो जाती है तो फरमान द्वारा उस कार को टीम के ही एक सदस्य को देकर उस बताए गए स्थान पर मिलने के लिए कहता है।

जिसके बाद वह सदस्य कार को लेकर वहां से चला जाता है और बचे हुए सदस्य अन्य कारों को चोरी करने के लिए पुनः निकल जाते हैं। इसी तरह यह एक दिन में कम से कम दो से तीन गाडियों को चुरा कर बताए गए स्थान पर आपस मे मिलते हैं। जिसके बाद गद्दू गैंग के सदस्य उन गाडियों को एक या दो दिन के लिए कहीं खडी कर देते हैं। जिससे यदि उसमें जी.पी.एस.सिस्टम आदि चीजें लगी हों, तो वह पुलिस की गिरफ्त में न आ सके। चोरी की गई कार की निगरानी के लिए 2000 रूपये में एक लडके को रख लेते है। जो उन गाडियों पर नजर रखता है और कोई गडबडी होने पर इन्हें सूचना देता है।

आन डिमांड बेची जाती थी कार

जब सारी परिस्थितियाँ सामान्य हो जाती है तो मो. फरमान उक्त स्थान पर आकर कार में शीशा डालकर आस-पास ही मौजूद गद्दू को उन चोरी की गाडियों गद्दू को बेच देते हैं। इन चोरी की गाडियों को लेने के लिए या तो गद्दू आता है या फिर वह अपने किसी ड्राइवर को भेजकर उन गाडी की नंबर प्लेट को बदलवाकर ले जाता है।
इस गिरोह के सरगना शाकिब उर्फ गद्दू द्वारा खरीदी गई चोरी की कारें फार्च्यूरन को 8-10 लाख रूपये में, स्कार्पियों को 5-6 लाख में, क्रेटा को 3-4 लाख में व ब्रेजा व स्विफ्ट को 1-2 लाख रूपये में ऑन डिमान्ड के आधार पर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने अन्य साथी रोहित मित्तल, रंजीत, बप्पा को बेचकर पंजाब, जयपुर, हैदराबाद जैसे स्थानों पर भेज देता है।

गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्य

(1) मो. इमरान उर्फ टट्टी पुत्र महरबान निवासी-60 फुटा रोड़ समर गार्डन शिव मान्दिर वाली गली पुदीना वाला खेत थाना-लिसाड़ी गेट जिला मेरठ उम्र-28 वर्ष

(2) मोनू उर्फ जमशेद पुत्र इकबाल निवासी ग्राम फत्तलेपुर थाना लिसाड़ी गेट जिला मेरठ उम्र-24 वर्ष

(3) मो. फरनाम पुत्र महरबान निवासी-60 फुटा रोड़ समर गार्डन शिव मान्दिर वाली गली पुदीना वाला खेत थाना-लिसाड़ी गेट जिला मेरठ उम्र-21 वर्ष

(4) राशिद उर्फ काला पुत्र शौकीन निवासी जाट कॉलेज के पीछे गली नं.-01 मवाना थाना-मवाना जिला मेरठ करीब 32 वर्ष

(5) मो. शाहिवजादा पुत्र मो. इकबाल निवासी 60 फुटा रोड़ समर गार्डन एक मीनार मस्जिद थाना लिसाड़ी गेट जिला मेरठ उम्र-25 वर्ष

(6) साकिब उर्फ गद्दू पुत्र समशुद्दीन निवासी मकान नं.-84 सदर गंज बाजार थाना-सदर मेरठ उम्र-24 वर्ष

(7) रोहित मित्तल पुत्र धर्मपाल मित्तल निवासी म.नं.-21 हीरा बाग आईटीबीपी के पास थाना सदर पटियाला (पंजाब) उम्र- 35 वर्ष

(8) रंजीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी- न्यू सवाजपुरा थाना-पसियाना पटियाला(पंजाब) उम्र- 34 वर्ष

बरामद की गई चोरी की कार

2 टोयटो फार्च्यूनर, 2 महिन्द्रा स्कार्पियो, 2 ह्युन्डई क्रेटा, 1 मारूति ब्रेजा, 1 मारूति सूजुकी स्विफ्ट डिजायर, 1 मारूति सूजुकी स्विफ्ट, 1 मारूति ईको। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कार चोरी करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरण व अवैध तमंचे भी बरामद किए है।


Noida News – पुरानी कार खरीदते समय बरते ये सावधानियां

नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने सैकेंड हैंड कार खरीदने के लिए एडवायजरी भी जारी की है। बताया कि, सैकेन्ड हैन्ड गाडिया हमेशा ऑथॉराइस्ड डीलर से ही हमेशा क्रय करनी चाहिए। गाडी खऱीदने से पहले कम्पनी के ऑथॉराइस्ड डीलर से सर्वे कराकर चेक कराना चाहिए। गाड़ी का टॉटल लॉस का रिकार्ड बीमा कम्पनी की मदद से प्रमाणित करा कर ही खरीदें। गाडी के पिछले इतिहास के बारे में जानकारी, ऑथॉराइस्ड डीलर आरटीओ बीमा कम्पनी के माध्यम से चेक कराएं।

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गाडी को खरीदते समय गाडियों की चाबी को चेक करने पर यदि रिमाट KEY में KEY लॉक उपलब्ध न होने पर उसे कभी न खरीदे और यदि KEY है तो उसकी जांच अवश्य कर लें कि वह कहीं से घिसी तो नहीं है। अगर यदि ऐसा होता है तो इस तरीके की गाडियों को न खरीदे। जिन गाडियों में जीपीएस कम्पनी से लगा होता है वह जरूर चैक करें कि वह काम कर रहा है या नहीं, यदि जीपीएस कार्य नहीं कर रहा है तो इसकी जांच अवश्य कराने के पश्चात ही गाड़ी खरीदें। किसी भी सैकेंड हैंड गाडी को खरीदते समय यह पुष्टि कर लें कि उस गाड़ी की दो चाबियाँ है या नहीं। Noida News

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