एन. रघुरामन का कॉलम: इस धरती पर फूड से जुड़ा बिजनेस सबसे बड़ा होने वाला है


32 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
एन. रघुरामन का कॉलम - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन का कॉलम

आज मैं आपसे एक प्रश्न पूछता हूं। किसका बच्चा जिंदगी में संपन्नता भरा जीवन बिताएगा- एक बच्चा जिसके माता-पिता ने उसकी पढ़ाई लिखाई में अच्छा निवेश किया और यह सुनिश्चित किया कि उसे अच्छी नौकरी मिले या दूसरे बच्चे के माता-पिता जिन्होंने भी पढ़ाई में अच्छा खर्च किया और यह देखा कि उनके शुरू किए बिजनेस को उनके बच्चे आगे संभालते रहें?

दोनों ही मामलों में बच्चा अपनी जिंदगी में अच्छा करेगा लेकिन आर्थिक अंतर होगा। पहले मामले में बच्चा न्यूनतम वेतन से शुरू करके धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। पर दूसरे मामले में बच्चा वहां से बिजनेस शुरू करेगा, जहां उसके माता-पिता ने छोड़ा होगा। जैसे अगर बिजनेस चंद हजार रुपयों से शुरू हुआ होगा और दो या तीन दशक में कुछ लाख रुपयों तक पहुंचा होगा तो बच्चा अपना पहला कदम उन चंद लाख रुपयों से शुरू करेगा और उसे कई करोड़ों तक पहुंचाएगा।

अब सवाल है कि ऐसा कौन-सा बिजनेस शुरू करें जो कभी भी चलन से बाहर न हो। लंबे वक्त के लिए मैं इन छह तरह के बिजनेस की वकालत करता हूं, जिनमें तब तक घाटा नहीं होगा, तब तक कि इस धरती पर इंसान होंगे। और वे हैं 1. हेल्थकेयर 2. फूड 3. वाटर 4. एनर्जी 5. एजुकेशन 6. इंफ्रास्ट्रक्टर। मनोरंजन सरीखे बिजनेस जो कि ऐसी सूची में हाल ही में जुड़े हैं, उनमें भी वृद्धि होगी, लेकिन इसे चलायमान रखने के लिए बड़ी संख्या में रचनात्मक प्रतिभाशाली लोगों की जरूरत होती है।

यही वजह है कि फूड को छोड़कर बाकी बिजनेस शुरू करने के लिए पेशेवर लोगों की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि जैक मा जैसे शख्स, जो दिग्गज समूह अलीबाबा के सह-संस्थापक हैं और लाखों बुद्धिजीवियों को काम पर रख सकते थे, उन्होंने पिछले हफ्ते 10 मिलियन युआन (लगभग 12 करोड़ रुपए) की शुरुआती पूंजी से ‘हांगझाऊ मा किचन फूड’ शुरू करने का तय किया है।

यह जानकारी कॉर्पोरेट डाटाबेस तियानयांचा ने शेयर की है। याद रखिए वह खरबपति हैं पर यह भी समझते हैं कि यह ऐसा बिजनेस है, जहां बुद्धिजीवियों की जरूरत नहीं, सिर्फ व्यावसायिक समझ की जरूरत है जो हर व्यवसायी के परिवार में भरपूर होती है। उन्होंने कृषि उपज को प्रोसेस करने व बेचने के लिए छोटी-सी कंपनी बनाई है।

चीन की राष्ट्रीय उद्यम क्रेडिट सूचना प्रचार प्रणाली के अनुसार इस बिजनेस में पैकेज्ड कृषि उत्पादों की बिक्री की जाएगी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मा ही फूड इंडस्ट्री में विविधता लाए हैं, ज्यादातर उद्योगपति यह बिजनेस समझ चुके हैं कि ये आने वाले दिनों में और मुनाफा देगा। वे जानते हैं कि भीषण गर्मी और सूखे का असर पहले ही पैदावार पर पड़ चुका है और अल-नीनो की वापसी से मौसम संबंधी घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे 2024 में वैश्विक तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि हो सकती है।

इन परेशानियों के अलावा युद्ध जैसे भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी कमोडिटी पर निर्भर उद्योगों जैसे कृषि और विनिर्माण पर असर डालने के लिए तैयार हैं। इससे उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की सप्लाई चेन से जुड़े प्रबंधन में बाधा आ सकती है, उनकी कमी हो सकती है, जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है।

दुनियाभर में मौजूद खाद्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस लागत का असर घरेलू बजट, जीवन यापन पर होने वाले खर्च और खाद्य सुरक्षा पर पड़ेगा। उनका डर है कि अनाज में कमी से पलायन बढ़ेगा और गंभीर राजनीतिक असर पड़ेगा।

माना जा रहा है कि इस संकेत के कारण खाद्य सुरक्षा पर इस तरह की बुद्धिमानी कई प्रमुख व्यवसायियों को इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित कर रही है। अगर आप बिजनेस नहीं करना चाहते, तो अपना पेट भरने के लिए कम से कम एक पैर खेती पर जमाए रखें, जिससे आपके जीवन-यापन का खर्च बच जाएगा।

फंडा यह है कि बिजनेस के आकार की चिंता न करें। पर फूड से जुड़े बिजनेस में पैर जमाने से न सिर्फ सर्वाइव करते रहेंगे बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित कर देंगे।

खबरें और भी हैं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *