एवरेस्ट और MDH मसाले ही नहीं, दुनिया के कई देशों में बैन हैं ये भारतीय फूड आइटम


भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। लेकिन हाल में सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग ने दो भारतीय कंपनियों एवरेस्ट और एमडीएच के मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया। आरोप है कि इन कंपनियों के प्रॉडक्ट्स में मान्य सीमा से अधिक कीटनाशक ‘एथिलीन ऑक्साइड’ पाया गया। सरकार ने ने इन दोनों देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही दोनों कंपनियों से भी इस बारे में डिटेल मांगी गई है। दुनिया के कई देशों में भारत के कई फूड आइटम बैन हैं। देखिए पूरी लिस्ट…

​समोसा

​समोसा

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत का सबसे पॉपलुर स्ट्रीट फूड समोसा पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया में बैन है। इसकी वजह यह है इसका तिकोना शेप। सोमालिया का कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन अल शबाब इसे ईसाई धर्म के प्रतीक के रूप में देखता है। इस देश में समोसा बनाने, खरीदने और खाने पर लोगों को सजा भी दी जाती है।

​च्यवनप्राश

​च्यवनप्राश

भारत में च्यवनप्राश को एक औषधि के रूप में देखा जाता है। यह कई तरह की जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है। लेकिन कनाडा में च्यवनप्राश पर प्रतिबंध है। साल 2005 में कनाडा की सरकार ने इस पर पाबंदी लगाई थी। आरोप था कि इसमें भारी मात्रा में लेड और मरकरी पाया गया था।

​घी

​घी

भारत में सदियों से घी का व्यापक इस्तेमाल होता आया है लेकिन अमेरिका में इस पर पाबंदी है। अमेरिका के एफडीए ने कई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि घी से मोटापा, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1960 के दशक से घी को अनहेल्दी मानने की शुरुआत हुई थी। इसे दिल की बीमारी के लिए जिम्मेदार माना गया। हालांकि पिछले कुछ सालों से इस पर से पाबंदी हटाने की मुहिम तेज हुई है।

​खसखस

​खसखस

खसखस यानी पोस्ता दाना को अफीम के पौधे से निकाला जाता है। कई देशों में इस पर पाबंदी है। इसकी वजह यह है कि इसमें मॉरफीन और कोडेन जैसे नशीले पदार्थों के पाए जाने का खतरा रहता है। सऊदी अरब, सिंगापुर और यूएई में इस पर सख्त पाबंदी है।

​सरसों का तेल

​सरसों का तेल

भारत में खाना बनाने में सरसों के तेल का व्यापक इस्तेमाल होता है। लेकिन अमेरिका और यूरोप के कई देशों में इस पर पाबंदी है। माना जाता है कि इसमें इरुसिक एसिड होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा मात्रा में इरुसिक एसिड लेने से दिल पर असर पड़ सकता है और लिपिड मेटाबॉलिज्म पर भी प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है।


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