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एशिया कप के अंतिम लीग मैच में जब तक पिच पर शुभमन गिल थे भारत जीत की ओर बढ़ता दिख रहा था लेकिन उनके आउट होने के बाद भारतीय टीम भी हार गई.
बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवर में आठ विकेट पर 265 रन बनाए. जवाब में भारतीय टीम 259 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और फ़ाइनल से पहले का यह मुक़ाबला छह रन से हार गई.
इस मैच में भारतीय टीम के लिहाज़ से सबसे अच्छी बात शुभमन गिल का लय में आना रहा. उनके बल्ले से छह महीने बाद शतक देखने को मिला और बल्लेबाज़ी हमेशा की तरह मुग्ध कर देने वाली रही.
मैच के दौरान कमेंटेटर ये भी बताते रहे कि यह पिच आसान नहीं है और दूसरी पारी में गेंदबाज़ों को मदद मिलती दिख रही है. बांग्लादेश के गेंदबाज़ों ने बखूबी इसका भरपूर फ़ायदा उठाया और अच्छी गेंदें डालीं.
पिछले मैच में शतक लगा चुके केएल राहुल और शुभमन गिल को शुरू शुरू में एक एक रन जुटाने में मशक्कत करनी पड़ रही थी.
हालांकि जब गिल सेट हो गए तो उन्होंने कमज़ोर गेंदों को हिट करना शुरू किया और (वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए पहली बार) शतक बनाया.
गिल ने 133 गेंदों पर 121 रन बनाए पर उन्हें यह बात सता रही थी कि वो इस मैच में अंत तक विकेट पर टिके क्यों नहीं रहे.
मैच के बाद शुभमन गिल निराशा जताते हुए बोले, “मुझे टीम के लिए मैच को फिनिश करना चाहिए था.”

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वनडे में पांचवां शतक, कैलेंडर साल में एक हज़ार रन
वनडे क्रिकेट में यह शुभमन गिल का पांचवां शतक है. वहीं इस साल यह गिल का चौथा शतक है.
गिल ने वनडे में अपना पहला शतक ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ बीते वर्ष अगस्त में जड़ा था.
इसी साल 15 जनवरी से 24 जनवरी के बीच उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ (दोहरा शतक समेत) दो और श्रीलंका के साथ खेलते हुए एक शतक (नाबाद 101 रन) जमाया था. लिहाज़ा श्रीलंका के ख़िलाफ़ यह उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर भी है.
शुभमन गिल अपनी शतकीय पारी के दौरान इस कैलेंडर साल में एक हज़ार रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर भी बने हैं. ऐसा करने वाले गिल दुनिया के 75वें और भारत के 13वें बल्लेबाज़ हैं.
अब गिल एक कैलेंडर साल में हज़ार से अधिक रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली (07 बार); सौरव गांगुल (06); रोहित शर्मा ( 04 बार); महेंद्र सिंह धोनी और राहुल द्रविड़ (03 बार); अज़हरुद्दीन, अजय जडेजा और वीरेंद्र सहवाग (02 बार); गौतम गंभीर, युवराज सिंह, शिखर धवन (एक बार) सरीखे क्रिकेटर्स के क्लब में शामिल हो गए हैं.

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गिल पर दिग्गज फ़िदा
जाने माने कमेंटेटर हर्ष भोगले ने ट्वीट किया, “शुभमन गिल की पारी बताती है कि वो क्यों एक ज़ोरदार बल्लेबाज़ हैं लेकिन यह भी बताती है कि अभी कार्य प्रगति पर है. जब वो मैच ख़त्म करना शुरू करेंगे तो क्या ग़ज़ब के खिलाड़ी होंगे.”
पूर्व क्रिकेटर, कमेंटेटर मोहम्मद कैफ़ ने एक्स पर लिखा, “वर्ल्ड कप से पहले गिल का शतक भारतीय क्रिकेट के लिए ख़ुशख़बरी है. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनका ये शानदार शतक निश्चित रूप से उनकी प्रतिभा को बताता है. वह निस्संदेह भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं.”
पूर्व क्रिकेटर से कमेंटेटर बने आकाश चोपड़ा ने लिखा, “शुभमन गिल की उच्चकोटि की पारी… जिस तरह की स्थित में भारत था… यह उसमें उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है.”
मुंबई इंडियंस के हैंडल से पोस्ट किया गया, “गिल है, कि बिना सेंचुरी के मानता नहीं.”
बेंच स्ट्रेंथ की आज़माइश
एशिया कप के इस अंतिम लीग मैच में रोहित शर्मा ने अपनी बेंच स्ट्रेंथ को मापने की कोशिश की, साथ ही पहले बॉलिंग करने का फ़ैसला किया.
टॉस के वक़्त उन्होंने पहले बैटिंग नहीं करने के फ़ैसले को लेकर कहा भी कि अब तक भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के दौरान फ़्लड लाइट्स में बैटिंग नहीं की है, इसलिए पहले गेंदबाज़ी ली है.
मैच के बाद रोहित ने कहा, “टीम में हम उन नए खिलाड़ियों को मौक़ा देना चाहते थे, जो वर्ल्ड कप में खेल सकते हैं.”
पर मैच भारतीय टीम हार गई और ख़ुद कप्तान रोहित अपना खाता भी नहीं खोल सके. हालांकि वे पिछले तीन मैच में नाबाद 74, 56 और 53 रनों की पारी खेल कर अपने फ़ॉर्म का सबूत दे चुके हैं.
रोहित समेत पांच बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सके. तो जिन खिलाड़ियों को बेंच स्ट्रेंथ की आज़माइश के लिए टीम में शामिल किया गया था उनमें से अधिकतर ने कोई छाप नहीं छोड़ी.
सबसे पहले बात सूर्यकुमार यादव की.

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सूर्यकुमार कब अपना गियर बदलेंगे?
सूर्यकुमार यादव टी20 मैचों में 172 तो आईपीएल में 143 की स्ट्राइक रेट से खेलते हैं. अंतरराष्ट्रीय टी20 में तो उनका औसत भी 46 से अधिक का है.
लेकिन वनडे में 24 के औसत से उनका प्रदर्शन मामूली ही रहा है और यह क्रिकेट के दिग्गजों को चौंका रहा है.
सूर्यकुमार यादव ने पिछले महीने वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ़ टी20 में 83 और 61 का स्कोर किया था लेकिन उसी टीम के साथ तीन वनडे में 19, 24 और 35 रन का स्कोर ही बना पाए.
एशिया कप में जब बांग्लादेश के मुक़ाबले में उनकी आज़माइश की गई तो वो बमुश्किल 26 रन बनाने में संघर्ष करते दिखे.
बल्लेबाज़ के तौर पर उनके पास कई शॉट्स हैं लेकिन इस मैच में वो स्पिनर्स पर केवल स्वीप शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे.
आखिर क्या वजह है कि क्रिकेट के इन दो फॉर्मेट के बीच सूर्यकुमार सामन्जस्य नहीं बिठा पा रहे. जानकार कहते हैं कि यह माइंडसेट की बात है और इसकी तलाश उन्हें ख़ुद ही करनी होगी.
कुछ दिनों पहले ही दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने कहा था कि सूर्यकुमार यादव बहुत हद तक उनकी तरह खेलते हैं लेकिन वो टी20 और वनडे के बीच सामंजस्य बैठाने में लंबा वक़्त ले रहे हैं.
अगले महीने शुरू हो रहे वर्ल्ड कप की टीम में उनका नाम शामिल है लिहाज़ा उनके पास मौक़ा तो है पर उन्हें अपना गियर जल्द से जल्द बदलना होगा.

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मौक़ा मिलने पर कैसा रहा प्रदर्शन?
सूर्यकुमार के साथ ही तिलक वर्मा को भी मौक़ा दिया गया. नवंबर में 21 साल के होने जा रहे तिलक का यह डेब्यू मैच था.
वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ लगातार तीन टी20 पारियों में 39, 51, नाबाद 49 बना कर टीम में शामिल किए गए बाएं हाथ के बल्लेबाज़ तिलक वर्मा केवल पांच रन ही बना सके.
तो टी20 क्रिकेट की आईसीसी रैंकिंग में लंबे समय से पहले पायदान पर विराजमान सूर्य कुमार यादव भी 34 गेंदों पर केवल 26 रन ही बना सके. सूर्य कुमार यादव को टीम में शामिल करने को लेकर सोशल मीडिया पर भी सवाल पूछे जा रहे हैं.
यह पूछा जा रहा है कि वो लगातार नाकाम हो रहे हैं पर उन्हें मौक़ा मिलता ही जा रहा है. आखिर कब तक उन्हें मौक़ा मिलता रहेगा. जबकि 13 मैच में 56 की औसत से टीम में अंदर बाहर करने वाले संजू सैमसन को खेलने का मौक़ा नहीं दिया जाता.
एक यूज़र ने एक इशारा भी किया. उन्होंने लिखा कि मुंबई इंडियंस के चार खिलाड़ी रोहित शर्मा, सूर्य कुमार यादव, ईशान किशन और तिलक वर्मा एक साथ इस मैच में खेल रहे हैं.
अंत में बात शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद शमी की. शार्दुल को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच के बाद एक बार फिर टीम में शामिल किया गया.
शार्दुल ने शमी के साथ टीम के लिए गेंदबाज़ी की शुरुआत की और तीन अहम विकेट लिए. उधर शमी ने भी दो विकेट लिए.
बांग्लादेश को शुरुआती झटका देते हुए शमी ने बता दिया कि बेंच पर बैठने के बावजूद उनके गेंद में पैनापन कायम है.

शुभमन के साथ ही जडेजा ने भी रिकॉर्ड बनाया
इस मुक़ाबले में भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा ने विकेट तो एक ही लिए लेकिन वो उनका वनडे में 200वां विकेट रहा.
भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा ने इस मैच में शमीम होसैन का विकेट लिया.
इसके साथ ही जडेजा वनडे में 200 विकेट लेने वाले भारत के आठवें और दुनिया के 40वें क्रिकेटर बने हैं.
जडेजा से पहले वनडे में अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, अजित अगरकर, ज़हीर ख़ान, हरभजन सिंह और कपिल देव ने 200 विकेट लिए हैं.
वनडे में 200 विकेट और 2000 रन का डबल बनाने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर भी बने हैं.