एशिया कप में बारिश की आशंका के बीच भारत और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच विवाद की गर्मी


भारत पाकिस्तान मैच

इमेज स्रोत, Getty Images

श्रीलंका में चल रहे एशिया कप के मैचों पर बारिश की आशंका बनी हुई है. भारत और पाकिस्तान के बीच लीग मुक़ाबला बारिश की भेंट चढ़ चुका है.

रविवार को कोलंबो में दोनों टीमों की बीच सुपर फ़ोर का मुक़ाबला होना है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कैंडी के मैच की तरह यह मुक़ाबला भी बारिश के कारण शायद न हो पाए.

दरअसल, कोलंबो में शनिवार की रात से सोमवार तक भारी बारिश और तूफ़ान की आशंका व्यक्त की गई है.

ऐसे में यह मैच भी मौसम की भेंट चढ़ सकता है. यही वजह है कि भारत और पाकिस्तान के ‘जेंटलमैन गेम’ प्रशासक एक दूसरे पर कीचड़ उछालने लगे हैं.

हालांकि पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कहा है कि सोमवार, 11 सितम्बर रिज़र्व डे रहेगा. फ़िलहाल पूरे एशिया कप में यही इकलौता मैच है जिसके लिए रिज़र्व डे रखा गया है.

रिज़र्व डे का मतलब है कि अगर रविवार, 10 सितम्बर को भारत पाकिस्तान के बीच मैच किसी वजह से बाधित होता है तो उसे सोमवार को पूरा किया जाएगा.

दोनों क्रिकेट बोर्ड के बीच इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब पाकिस्तान को एशिया कप की मेज़बानी का अधिकार मिला.

भारतीय बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया.

इस दबाव में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर्नामेंट के कुछ मैच दुबई में कराने का प्रस्ताव रखा. लेकिन यह प्रस्ताव भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड को पसंद नहीं आया.

बारिश

इमेज स्रोत, ANI

श्रीलंका में बारिश का मौसम

भारतीय क्रिकेट के सबसे शक्तिशाली शख़्स जय शाह मौजूदा समय में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के भी अध्यक्ष हैं.

माना जाता है कि उन्होंने अपने दबदबे का पूरा इस्तेमाल करते हुए यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान टूर्नामेंट के दौरान कम से कम मैच अपने घरेलू मैदान में खेले और ज़्यादा मैच श्रीलंका के कोलंबो और कैंडी में खेले जाएँ.

दरअसल, श्रीलंका के कैंडी और कोलंबो में इन दिनों बारिश का मौसम रहता है. वहीं हम्बनटोटा और दम्बुला में अपेक्षाकृत मौसम कहीं बेहतर है.

इन दोनों जगहों पर मैच नहीं कराए जाने की वजह के बारे में ये भी कहा गया कि यहाँ अच्छे होटल नहीं हैं.

यही वजह है कि मैचों का आयोजन बारिश से प्रभावित केंद्रों यानी कोलंबो और कैंडी में हो रहा है.

हालाँकि यह पूरा तर्क गले नहीं उतरता है. क्योंकि 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम दम्बुला में पूरी ट्राई सिरीज़ टूर्नामेंट खेल चुकी है और टीम की ओर से सुविधाओं को लेकर कोई शिकायत भी नहीं की गई थी.

2005 की तुलना में 18 साल बाद अधारभूत सुविधाओं के हिसाब से स्थिति बेहतर ही हुई है.

उस दौर में स्थिति इसलिए भी ख़राब थी क्योंकि दम्बुला के नज़दीक ही श्रीलंकाई सेना एलटीटीई के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ रही थी.

हम्बनटोटा को लेकर भारतीय टीम की शिकायत सही हो सकती है क्योंकि स्टेडियम वन क्षेत्र में है और टीम को होटल तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करनी होती है.

लेकिन दूसरी ओर, इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए था कि कोलंबो और कैंडी में अगस्त और आधे सितंबर महीने तक बारिश के चलते किसी भी मैच का आयोजन नहीं रखा जाता है.

इस पहलू को श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड की ओर से पहले ही सामने रखा जाना चाहिए था, इससे कम से कम मौजूदा स्थिति का सामना नहीं करना होता.

भारत पाकिस्तान

इमेज स्रोत, Getty Images

बोर्ड की आपसी खींचतान

यह देखना भी दिलचस्प है कि एशिया कप के मैचों के आयोजन को लेकर बीसीसीआई और पीसीबी के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है.

ठीक उसी वक़्त आपसी संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रोजर बिन्नी और बोर्ड के पदाधिकारी राजीव शुक्ला, एशिया कप के मैचों को देखने के लिए पाकिस्तान का दौरा कर रहे हैं.

लेकिन इस विवाद में सबसे तीखा हमला पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने बीसीसीआई सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष जय शाह पर किया है.

उन्होंने आरोप लगाया है कि जय शाह ने पिता अमित शाह की भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी राजनीतिक वजहों के चलते मैचों का आयोजन ना तो पाकिस्तान में होने दिया और ना ही दुबई में.

हालांकि यहाँ यह जानना ज़रूरी है कि नजम सेठी की अध्यक्षता के समय ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने श्रीलंका के साथ एशिया कप की मेज़बानी का प्रस्ताव स्वीकार किया था.

नजम सेठी ने ट्वीट किया, “केवल जय शाह ही बता सकते हैं कि दुबई या पाकिस्तान में एशिया कप कराने जाने के विकल्प को क्यों ख़ारिज किया गया और तमाम वजहों और तर्कों के बावजूद श्रीलंका को क्यों मेज़बानी में शामिल किया गया. हमलोग देख रहे हैं कि श्रीलंका में जिन केंद्रों का चुनाव किया गया है, वो भी समस्या साबित हो रहे हैं.”

नजम सेठी के ट्वीट के बाद दोनों बोर्डों के बीच विवाद और गहराता दिख रहा है.

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान हाई वोल्टेज मुक़ाबले को हम्बनटोटा में कराने का सुझाव दिया था.

लेकिन इस सुझाव को एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष और बीसीसीआई सचिव ने स्वीकृति नहीं दी.

उन्होंने स्टेडियम की होटल से दूरी, सुविधाओं के अभाव और अंतिम पलों में बदलाव से प्रसारकों, अधिकारियों और क्रिकेट फैंस को होने वाली मुश्किलों का हवाला देते हुए मैच को दूसरी जगह पर कराने को स्वीकृति नहीं दी है.

एशियाई क्रिकेट परिषद ने इसके बाद घोषणा की कि आयोजन स्थल में किसी तरह का बदलाव नहीं हो रहा और बाक़ी के मैच कोलंबो में ही खेले जाएँगे.

भारत पाकिस्तान मैच

इमेज स्रोत, SURJEET YADAV/GETTY IMAGES

पाकिस्तान से दूसरा मैच

रविवार को कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुक़ाबले के पूरे होने के आसार नहीं हैं.

रविवार को कोलंबों में सुबह के समय बारिश होने की आशंका 70 प्रतिशत से अधिक है. दोपहर के बाद फिर से बारिश की आशंका है. जबकि रात में कहीं ज़्यादा बारिश होने की आशंका है.

कोलंबो और कैंडी में खेले गए मुक़ाबले बारिश से प्रभावित रहे हैं.

भारत और पाकिस्तान के बीच लीग मुक़ाबला पूरा नहीं हो सका, जबकि भारत और नेपाल के बीच मैच में ओवर घटाने पड़े.

श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच भी बारिश ने खलल डाला था.

भारत और नेपाल के बीच मैच के ओवरों को कम करने के बाद नजम सेठी ने ट्वीट किया, “बीसीसीआई और एसीसी ने पीसीबी को आज सूचित किया कि बारिश की आशंका के चलते भारत और पाकिस्तान के मैच को कोलंबो से हम्बनटोटा शिफ्ट किया जा रहा है.”

“एक घंटे के अंदर उन्होंने अपनी सोच बदल ली और कहा कि कोलंबो में ही मैच होगा. क्या चल रहा है? क्या भारत पाकिस्तान से खेलने और हारने से डर रहा है?”

इससे पहले भारत और पाकिस्तान मैच के बारिश से धुलने पर उन्होंने ट्वीट किया था, “कितनी निराश करने वाली बात है? बारिश ने क्रिकेट के सबसे बड़े मुक़ाबले को होने नहीं दिया.”

“पीसीबी चेयरमैन के तौर पर मैंने एसीसी से ये आयोजन दुबई में कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन श्रीलंका को मेजबानी में शामिल करने के लिए तरह तरह के बहाने बनाए गए. उन्होंने कहा था दुबई में काफ़ी गर्मी होगी.”

बारिश

इमेज स्रोत, Getty Images

खींचतान का असर वर्ल्ड कप पर?

वहीं एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष जय शाह ने दोनों बोर्ड के बीच तनाव कम करने की अपनी कोशिशों में कहा है, “सभी पूर्णकालिक सदस्य, मीडिया राइट होल्डर, और स्टेडियम के अंदर की गतिविधियों के अधिकारिक साझेदारों, सभी ने शुरुआत में ही पाकिस्तान में पूरे टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर आशंकाएं जताई थीं.”

ज़ाहिर है बीसीसीआई सचिव पाकिस्तान की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में होने वाले लगातार बदलावों को भी रेखांकित किया था.

इसके अलावा इस समय दुबई में 50 ओवरों के क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन की अनुमति को भी उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप से ठीक पहले खिलाड़ियों की फ़िटनेस और स्वास्थ्य को जोख़िम में डालने जैसा बताया है.

अब वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन एक महीने से भी कम रह गया है.

ज़ाहिर है आने वाले अगले सप्ताह के दौरान दोनों क्रिकेट बोर्ड के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है.

क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ के आयोजन का शिड्यूल जारी करने में भी बीसीसीआई से देरी हुई है. यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में बदलाव की ज़रूरत भी हो.

ऐसे में भारतीय क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर सबकी नज़रें टिकी रहेंगी.

दोनों देशों के बीच, मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद से क्रिकेट संबंधों में ठंडापन देखने को मिला है.

भारतीय क्रिकेट टीम ने आख़िरी बार 2005-06 में पाकिस्तान का दौरा किया था, जबकि पाकिस्तान की टीम 2012 में आख़िरी बार भारत आई थी.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *