ऑस्ट्रेलिया-साउथ अफ्रीका मैच से भारत को मिले जीत के 5 मंत्र, रोहित सेना की फाइनल रणनीति तैयार!


विश्व कप 2023 का दूसरा सेमीफाइनल खत्म हो चुका है और ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को हराते हुए फाइनल का टिकट कटा लिया। अब टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस दिन का हर किसी को इंतजार है। रोहित शर्मा, विराट कोहली सहित भारतीय टीम के खिलाड़ी भी इंतजार कर रहे होंगे। हालांकि, दूसरा सेमीफाइनल इस तरह की नाटकीयता के साथ खत्म हुआ कि काफी कुछ सीख दे गया। आइए समझते हैं कि इस मैच में ऐसा क्या-क्या हुआ, जिस पर भारतीय टीम की निगाहें होंगी और वे इससे सीख लेकर अपनी रणनीति को फाइनल स्वरूप दे रहे होंगे।

किसी भी कीमत पर गुच्छे में विकेट नहीं गंवाना है

किसी भी कीमत पर गुच्छे में विकेट नहीं गंवाना है

साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने गुच्छे में विकेट गंवाए। यही वजह है कि साउथ अफ्रीका टीम 212 रन ही बना सकी। साउथ अफ्रीका का स्कोर 1 रन पर एक विकेट, 8 रन पर दो विकेट, 22 रन पर 3 विकेट और 24 रन पर 4 विकेट हो गया था। इसके बाद 172 से विकेट गिरना शुरू हुआ तो 212 रन पर पूरी पारी सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने भी वही गलती की। हालांकि, दोनों में अंतर यह रहा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज छोटा-छोटा स्कोर करते रहे। दूसरी ओर, भारत ने पहले मैच को छोड़कर हर मैच में अच्छा प्रदर्शन किया है और हर विकेट के लिए अच्छी साझेदारियां की हैं। फाइनल में भी उसी प्रदर्शन दोहराना होगा।

जरूरत पड़े तो पार्ट टाइम गेंदबाजों का सही इस्तेमाल

जरूरत पड़े तो पार्ट टाइम गेंदबाजों का सही इस्तेमाल

ऑस्ट्रेलिया को विकेट की जरूरत थी तो ट्रैविस हेड को गेंद थमाई और सही टाइम पर दो विकेट मिल गए। इससे साउथ अफ्रीका पर जबरदस्त प्रेशर बना। दूसरी ओर, तूफानी अंदाज में खेल रहे डेविड वॉर्नर भी इसी तरह की रणनीति का शिकार बने। उन्हें आउट करने के लिए टेम्बा ने एडेन मार्करम को मोर्चे पर लगाया। भारत ने पार्ट टाइम गेंदबाजों का इस्तेमाल सिर्फ नीदरलैंड के खिलाफ किया था। अगर फाइनल में जरूरी हुआ तो रोहित को इस हथियार का इस्तेमाल बड़ी सावधानी से करना होगा।

जो फिट नहीं, उसे प्लेइंग-11 में शामिल मत करो

जो फिट नहीं, उसे प्लेइंग-11 में शामिल मत करो

साउथ अफ्रीकी कप्तान पूरी तरह से फिट नहीं थे, जबकि वह इसके बावजूद मैच खेले। वह बिना खाता खोले आउट हो गए। अब जब कप्तान ही आपका मैदान छोड़ देगा तो सेना तो भाग ही खड़ी होगी। रोहित शर्मा ने अभी तक फ्रंटफुट पर टीम को लीड किया है। आखिरी मैच के लिए भी उन्हें उसी अंदाज में न केवल पारी का आगाज करना होगा, जबकि अब बड़ी पारी खेलने का वक्त भी आ गया है।

कितना भी छोटा लक्ष्य हो बेमतलब की आक्रामकता नहीं दिखानी

कितना भी छोटा लक्ष्य हो बेमतलब की आक्रामकता नहीं दिखानी

213 रनों का लक्ष्य मिला तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हद से अधिक आक्रामक दिखे। न जाने किस बात की जल्दी दिखी। डेविड वॉर्नर (29 रन, 18 गेंद, 1 चौका, 4 छक्के) सिर्फ बाउंड्री में डील कर रहे थे तो मिचेल मार्श ने भी आते ही हवाई शॉट खेला। स्टीव स्मिथ भी इसी तरह आउट हुए। हमने देखा है कि अच्छी शुरुआत के बाद रोहित बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे हैं। अब उन्हें विस्फोट के साथ इस बात का ध्यान रखना होगा कि बड़ी पारी खेलें और ऑस्ट्रेलिया वाली गलती न करें, वर्ना 213 रन भी बनाने भारी पड़ जाएंगे।

कैच के मौके बनाओ, मैच मुट्ठी में आ जाएगा

कैच के मौके बनाओ, मैच मुट्ठी में आ जाएगा

साउथ अफ्रीका ने 5 कैच छोड़े। कुछ मुश्किल थे, लेकिन नामुमकिन नहीं थे। अगर वे मौके बनते तो शायद 19 नवंबर को भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया की जगह साउथ अफ्रीका खेलता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। गेंदबाजों ने अपना काम किया, लेकिन बल्लेबाज और फील्डर फेल रहे। हमने देखा था कि सेमीफाइनल में शमी से कैच छूटा था और फिर भारत मुश्किल में पड़ गया था। अब इस बात का ध्यान रखना होगा कि न केवल कैच पकड़े जाएं, बल्कि रासी वान डर डुसां (मिचेल मार्श का कैच) की तरह अतिरिक्त मौके बनाने होंगे।


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