कार्रवाई न करने की एवज में पैसे की डिमांड, फूड इंस्पेक्टर व तहसीलदार को हटाया


सुकमा। जिले में पीडीएस राशन सप्लाई मामले में कालाबाजारी की जांच में जांच कर्ता अधिकारियों ने ही मामले को रफादफा करने मोटी रकम की मांग कर दी।

नायब तहसीलदार व खाद्य अधिकारी ने एक मामले में कार्रवाई नहीं करने की एवज में डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रहे थे लेकिन पीड़ित व्यक्ति ने रुपए न देकर इसकी शिकायत कलेक्टर से कर दी। लिखित शिकायत करते हुए ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग भी कलेक्टर को प्रस्तुत किया। जिस पर कलेक्टर ने तत्काल एक्शन लेते हुए तहसीलदार और खाद्य अधिकारी को जिला मुख्यालय अटैच किया। इस पूरे मामले की जांच कोन्टा एसडीएम श्रीकांत कोर्राम को सौंप गई है।

जिले के चिंतलनार खाद्य निरीक्षक और नायब तहसीलदार जांच पड़ताल करने के लिए चिंतलनार पहुंचे थे । इस इलाके में जिस प्रकार से अवैध रूप से चावल का कारोबार चलता आ रहा है, इसको लेकर इन दोनों अधिकारी ने व्यापारियों के घरों की जांच की। इस दौरान तहसीलदार और खाद्य निरीक्षक ने व्यापारी चिरौंजी लाल जायसवाल के घर पर रखा हुआ धान पाया गया। इस पूरे मामले में कार्रवाई करने की जगह दोनों अधिकारियों ने राशि की मांग करनी शुरू कर दी।

व्यापारी की पुत्र राकेश जायसवाल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोनों अधिकारियों ने घर में रखे धान को मिलने पर एक कोरे कागज में पिता जी हस्ताक्षर कर लिया और चले गए वहीं दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं करने के नाम पर व्यापारी के पुत्र से डेढ़ लाख रुपए की मांग करने का आरोप लगाते हुए फूड इंस्पेक्टर वह नायब तहसीलदार पर लगाया।

उन्होंने बताया कि घर में धान रखा हुआ है, दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं करने के बदले में डेढ़ लाख रुपए की मांग की, उन्होंने बताया कि इसके लिए व्हाट्सएप कॉलिंग कर कई दोरनापाल आने के लिए बोल रहे है, उन्होंने तबीयत ठीक ना होने की बात कह कर दोरनापाल आने से मना किया। इस दौरान व्हाट्सएप कॉलिंग में व्यापारी के पुत्र से बात करते हुए फूड इंस्पेक्टर से सवाल पूछते हुए कहा कि आप लोग गोदाम में रखे हुए धान को चावल बता रहे है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *