अभिषेक जायसवाल : मस्ती और हुल्लड़बाजी बनारस में हमेशा नजर आती है. लोगों का मानना है कि बनारस में रस हमेशा बना रहता है. यहां मुर्दा भी गाजे-बाजे के साथ चलता है और बारात भी. सही मायनों में काशी ने ही गीता का मर्म समझा है . दुःख और सुख दोनों एक सामान हैं. बनारस का अल्हड़पन देखना है तो आपको भूमि निषाद से मिलना होगा. भूमि पर्यटकों को न सिर्फ गंगा में सैर कराते हैं बल्कि उन्हें अपने संगीत से लुभाते भी है. उनकी ये अद्भुत प्रतिभा लोगों को खूब पसंद आती है.
भूमि निषाद वाराणसी के निषाद राज घाट पर रहते हैं और नाव चलाकर अपना परिवार चलाते हैं. सबसे खास बात यह है कि जब भी पर्यटक उनकी नाव से काशी के घाटों की खूबसूरती को निहारते है, तो भूमि उसमें संगीत का तड़का लगाकर इस पल को यादगार बनाते हैं. उनका ठेठ बनारसी अंदाज और अल्हड़पन लोगों को खूब पसंद आता है.
इतना है नाव का चार्ज
भूमि निषाद का कहना है कि उनके मेहनत के अनुसार यदि पैसे मिल जाए तो वो पर्यटकों को गंगा में सैर करा देते हैं. आम तौर पर भूमि 2 से 3 घंटे के लिए पर्यटकों को नाव के घाट दर्शन कराने के लिए 1000 से 1500 रुपये तक चार्ज करते है. इस नाव में 8 से 10 लोग बैठ सकते हैं .भूमि सैर के दौरान पर्यटकों को काशी के महत्वपूर्ण घाटों के बारे में जानकारी भी देते हैं और और संगीत के जरिए पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 23:24 IST