बर्गर, पिज्जा्, चिप्स, बिस्किट ये सभी प्रोसेस्ड फूड कहलाते हैं, इस तरह के भोजन को लेकर रिसर्च की गई है. इंडियन काउंसिल फ़ॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन की स्टडी बताती है कि बीते 10 सालों में प्रोसेस्ड फूड की खपत में काफी इजाफा हुआ है. कारण यह है कि इन फूड्स में कुछ ऐसे प्रिज़र्वेटिव डाले जाते हैं जो इनको काफी स्वादिष्ट बना देते हैं. इस वजह से इनका स्वाद लोगों की जीभ पर चढ़ जाता है और एक तरह से लोग इनके आदी हो जाते हैं. यही कारण है कि आज के समय में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खा रहे हैं. इनको इस तरीके से तैयार किया जाता है और कुछ ऐसे केमिकल डाले जाते हैं जिससे पेट भरा होने पर भी व्यक्ति अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड को खा लेता है.
बीते कुछ सालों से भारत में इस तरह के फूड का कारोबार भी बढ़ रहा है. कारण यह है कि खपत भी साल दर साल बढ़ती जा रही है. लेकिन प्रोसेस्ड फूड आपको कई बीमारियों का शिकार भी बना सकता है.
किन बीमारियों का है खतरा
मैक्स हॉस्पिटल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सौम्या सचदेवा बताती हैं कि गलत खानपान का असर पेट से लेकर स्किन तक पर पड़ता है, जो लोग अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खाते हैं उनको स्किन से संबंधित कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. लोगों को स्किन एलर्जी, स्किन पर एक्ने और पिंपल निकल सकते हैं. ऐसे में लोगों को सलाह है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के अधिक सेवन से बचें.
दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अजय कुमार बताते हैं कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड कई तरह से सेहत के लिए खतरनाक होता है. ये भोजन कई तरीकों से शरीर को नुकसान करता है. प्रोस्ड फूड खाने से पेट और आंतों का कैंसर होने का जोखिम रहता है. चिंता की बात यह है कि बीते कुछ सालों से प्रोसेस्ड फूड का चलन काफी बढ़ गया है. अब तो छोटे बच्चे भी प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने लगे हैं. ये फूड सही तरीके से पच नहीं पाता है. इसमें मैदा का भी यूज किया जाता है. जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.
मोटापे का शिकार बना रहा
डॉ कुमार बताते हैं कि प्रोसेस्ड फूड की वजह से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है. ये बढ़ता मोटापा कई तरह की दूसरी बीमारियों का कारण बन रहा है. मोटापे की वजह से टाइप-2 डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है. युवाओं में भी ये फूड मोटापा बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज, हाई बीपी और हार्ट डिजीज हो सकती हैं.
क्या है समाधान
इस बारे में लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के डॉ एल एच घोटेकर बताते हैं कि प्रोसेस्ड फूड आपके कुल भोजन का 10 फीसदी से कम होना चाहिए. इसलिए कोशिश करें कि प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम कर दें. कोशिश करें कि इसको पूरी तरह से छोड़ भी दें. धीरे-धीरे इसको छोड़ने की आदत डालें.