सार
भारत में क्रिकेट विश्व कप होने से सबसे बड़ा फायदा देश की इकोनॉमी को होगा। आईसीसी वर्ल्ड कप भारत के जीडीपी के लिए टॉनिक का काम करेगी। यह अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज दे सकता है। इससे कई इंडस्ट्री को जबरदस्त फायदा होने की उम्मीद है।
बिजनेस डेस्क : भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप का आगाज हो गया है। अगले 50 दिनों तक तक चौके-छक्कों की बरसात होगी और क्रिकेट प्रेमियों का हर दिन खास होगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में विश्व कप (ICC Cricket World Cup 2023) का आयोजन होने से सबसे बड़ा फायदा देश की इकोनॉमी (Indian Economy) को होगा। बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें बताया गया है कि किस तरह वर्ल्ड कप भारत के जीडीपी के लिए टॉनिक का काम करेगी? आइए जानते हैं भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप होने से कितना और किस-किस इंडस्ट्री को फायदा होगा…
वर्ल्ड कप से अर्थव्यवस्था को कितना फायदा
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले विश्व कप से भारत की जीडीपी को 2.65 बिलियन डॉलर यानी 22,000 करोड़ रुपए का बूस्टर डोज मिल सकता है। इस रिपोर्ट को बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री जाह्न्वी प्रभाकर और अदिति गुप्ता ने तैयार किया है। जिसमें बताया गया है कि 45 दिनों तक देश के अलग अलग शहरों में कुल 48 मैच खेले जाएंगे। कम से कम 25 लाख दर्शक स्टेडियम जाकर इस मैच का लुत्फ उठाएंगे। दुनियाभर में अपने घरों में बैठकर करोड़ों फैंस विश्व कप के मैच को देखेंगे। इस तरह टूर्नामेंट का सीधा फायदा मेजबान भारत की इकोनॉमी को पहुंचेगा।
वर्ल्ड कप और फेस्टिव सीजन
इस बार क्रिकेट वर्ल्ड कप फेस्टिव सीजन यानी दशहरा-दिवाली के दौरान हो रहा है। पूरी दुनिया से क्रिकेट फैंस मैच देखने और अपनी-अपनी टीम को चियर्स करने भारत पहुंचेंगे। जिससे मैच का टिकट खूब बिकेगा। इसका फायदा सीधा एविएशन ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को मिलेगा। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में होटल्स, फूड इंडस्ट्री के साथ डिलिवरी सर्विसेज के बिजनेस में भी जोरदार उछाल आ सकता है। वहीं, मर्केंडाइज की खरीदारी में भी बढ़ोतरी हो सकती है। चूंकि इसी दौरान फेस्टिव सीजन भी है तो रिटेल डिमांड भी जोरदार तरीके से बूम कर सकता है।
क्रिकेट मैच के टिकट से कितना फायदा
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में हर सेक्टर की ग्रोथ और उसको होने वाले फायदे को देखकर तैयार किया गया है। इसमें बताया गया है कि क्रिकेट मैच के टिकट सेल्स पर 1600 से 2200 करोड़ रुपए तक खर्च हो सकता है। टीवी ओटीटी पर विश्व कप को देखने वाले दर्शकों की संख्या 2019 के वर्ल्ड कप से 552 मिलियन से ज्यादा हो सकती है। इसलिए स्पॉन्सर और टीवी राइट्स पर 10,500 से 12,000 करोड़ रुपए तक खर्च होने की उम्मीद है। इसमें डिजिटल और टीवी मीडियम का ऑफिशियल ब्रॉडकास्ट राइट्स को भई शामिल किया गया है। वहीं, इस मेगा इवेंट के दौरान विज्ञापन के लिए प्रमुख प्रायोजकों का खर्च भी शामिल है।
होटल और फूड इंडस्ट्री पर वर्ल्ड कप का असर
वर्ल्ड कप के दौरान क्रिकेट खेलने वाली टीमें देश के एक से दूसरे कोने तक जाएंगी। जिस पर 150 से 250 करोड़ तक का खर्च आ सकता है। इसमें होटल में रहने का खर्च भी शामिल है। खिलाड़ियों के अलावा अंपायर और कमेंटेटर भी इसमें शामिल है। वर्ल्ड कप में बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट भी आएंगे। हर मैच में अगर 1,000 विदेशी टूरिस्ट्स की संख्या मानी जाए तो ये सभी होटल फूड, ट्रैवल, शॉपिंग पर 450 से 600 करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। भारत के लोग भी मैच देखने एक राज्य से दूसरे राज्य जाएंगे और ट्रैवल, फूड के साथ होटल्स पर खर्च करेंगे। इस पर 150 से 250 करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है। मैच देखने के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक जाने में फूड और फ्यूल का जो खर्चा आ सकता है, वह 300 से 500 करोड़ रुपए तक हो सकता है।
वर्ल्ड कप से भारत की GDP को कितना फायदा
वर्ल्ड कप के दौरान करीब डेढ़ महीने तक इंवेंट मैनेजमेंट, गिग वर्कर और सिक्योरिटी पर 750 से 1000 करोड़ तक खर्च का अनुमान है। स्पोर्ट् आइटम्स और दूसरे मर्केंडाइज आइटम्स को खरीदने में लोग 100 से 200 करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं। रेस्टोरेंट, कैफे में मैच की स्क्रिनिंग और घर बैठकर ऐप के जरिए फूड ऑर्डर करने पर पूरे टूर्नामेंट के दौरान 4,000 से 5,000 करोड़ रुपए तक का बिजनेस हो सकता है। अगर सभी को जोड़ा जाए तो कुल 18,000 से 22,000 करोड़ तक का खर्च हो सकता है। इतनी बड़ी रकम का फायदा फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की जीडीपी को होगा। इस दौरान कई सोर्सेस से जमकर कमाई भी होगी।
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