साल 1992 के बाद से एकदिवसीय विश्व कप की सात भिड़ंतों में पाकिस्तान भारत को नहीं हरा पाया है.
इंग्लैंड में खेले गए पिछले विश्व कप के लीग मैच में दोनों टीमें ओल्ड ट्रैफ़र्ड स्टेडियम में भिड़ीं थीं. बारिश के चलते छोटे हुए मैच में भी भारत को 89 रनों से जीत मिली थी.
ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि दोनों पुराने प्रतिद्वंदियों के बीच हुए वनडे मैचों में से पाकिस्तान ने भारत को 73 बार शिकस्त दी है जबकि भारत कुल 56 बार जीता है.
आंकड़ों के अलावा की हक़ीक़त ये है कि पिछले कुछ सालों में भारतीय वनडे टीम पाकिस्तान पर भारी तो पड़ी है, लेकिन इस पाकिस्तान टीम के पास कुछ फ़ैक्टर हैं जिन्हें क़ाबू करके ही भारत शनिवार को अहमदाबाद में होने वाले मुक़ाबले में जीत सकता है.
मोहम्मद रिज़वान
2 मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक जड़ चुके पाकिस्तानी बल्लेबाज़ मोहम्मद रिज़वान ज़बरदस्त फ़ॉर्म में दिख रहे हैं. टूर्नामेंट में से एक मैच में नॉट आउट रहे रिज़वान का बल्लेबाज़ी औसत उतना ही है जितने उन्होंने रन बनाए हैं, यानी 199 का.
वैसे तो कोलंबो में हाल ही में हुए एशिया कप वाले मैचों में वे ख़ास कमाल नहीं दिखा सके थे, लेकिन उसके बाद से विश्व कप के पहले वाले वॉर्म-अप मैचों में उन्होंने सधी बल्लेबाज़ी की है और अपनी लय में हैं.
वरिष्ठ पाकिस्तानी क्रिकेट पत्रकार शाहिद हाशमी ने रिज़वान को न सिर्फ़ पाकिस्तान टीम के लिए खेलते हुए कवर किया है बल्कि कराची किंग्स और लाहौर कलंदर की ओर से खेलते हुए भी इस विकेटकीपर-बल्लेबाज़ की पारियाँ कवर की हैं.
उनके मुताबिक़, ”रिज़वान कमाल के स्ट्रोकप्लेयर हैं लेकिन शुरुआती ओवरों में वे थोड़े ख़तरनाक शॉट्स खेलने से परहेज़ नहीं करते. इसी दौरान कई दफ़ा वे विकेट पर बाउन्स होती गेंदों के शिकार भी हुए हैं.”
बाबर आज़म
पाकिस्तान की मौजूदा टीम में कप्तान बाबर आज़म यकीनन सबसे बड़े प्लेयर हैं.
19 शतकों, 28 अर्धशतक के साथ वनडे क्रिकेट में 5824 रन बना चुके बाबर आज़म का विकेट हर विपक्षी टीम सबसे बड़ा मानती है. इसलिए भारत की नज़र इस सलामी बल्लेबाज़ का विकेट शुरुआती पांच ओवरों में ही लेने पर रहेगी.
भारतीय टीम मैनेजमेंट अपने गेंदबाज़ों को मैच के पहले कई बार यह याद दिला सकता है कि भारत के ख़िलाफ़ खेले गए 7 मैचों में उन्होंने कुल 168 रन ही बनाए हैं. इसमें एक अर्धशतक तक नहीं है.
शुक्रवार दोपहर में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जिन पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों ने सबसे ज़्यादा अभ्यास किया, बाबर आज़म उनमें से एक थे. उनका विशेष ध्यान धीमे गेंदबाज़ों और स्पिनर्स को खेलने पर था.
यानी अगर उम्मीद के मुताबिक़ अहमदाबाद की पिच थोड़ी धीमी रही तो भारत को रिज़वान और बाबर आज़म के विकेट सस्ते में निकालने होंगे.
आफ़रीदी, हारिस रऊफ़ और हसन अली को ‘थामना’
पाकिस्तान की गेंदबाज़ी उसकी सबसे बड़ी मज़बूती मानी जा रही है, भले ही तेज गेंदबाज़ नसीम शाह इस टूर्नामेंट में चोट की वजह से नहीं खेल रहे हैं.
लेकिन उनकी गेंदबाज़ी की धार को भारतीय टीम नकार नहीं सकती क्योंकि तीनों टॉप गेंदबाज़ फ़ॉर्म में हैं और उसमें भी ख़ासतौर से हसन अली.
हसन अली पाकिस्तानी टीम के ऐसे मीडियम फ़ास्ट गेंदबाज़ हैं जो वनडे क्रिकेट के लिए टीम के बेहद अहम इसलिए हैं क्योंकि 50 ओवरों वाले लंबे मैच में वे 20-35 ओवरों के बीच घातक साबित होते हैं.
अपने पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट, 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफ़ी, में ही हसन अली सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ साबित हुए और पाकिस्तानी टीम के प्रतियोगिता जीतने में उनका बड़ा हाथ था.
इस विश्व कप में पाकिस्तान ने भी भारत की तरह अपने दोनों शुरुआती मैच जीते हैं और दोनों में मिलाकर हसन अली 6 विकेट ले चुके हैं.
हारिस रऊफ़ भी हसन अली से ज़्यादा दूर नहीं हैं और भारतीय बल्लेबाज़ों को उन्होंने पहले भी अपनी गेंदबाज़ी से परेशान किया है. इस टूर्नामेंट में भी वे पांच विकेट ले चुके हैं जो विपक्षी टीमों के अहम विकेट थे.
पाकिस्तान में जियो न्यूज़ के क्रिकेट एनलिस्ट अब्दुल माजिद भट्टी को लगता है, ”भारत जैसी बड़ी टीम को रऊफ़ परेशान कर सकते हैं.”
उन्होंने बताया, ”रऊफ़ हों या फिर हसन अली, इन दोनों ने भारत के ख़िलाफ़ बहुत ज़्यादा क्रिकेट नहीं खेली है इसलिए बल्लेबाज़ों को पिच ने ज़रा सी मदद की तो बड़े बल्लेबाज़ों को चौंका भी सकते हैं. दूसरी बात ये कि रऊफ़ के पास विकेट के दोनों ओर गेंद को स्विंग करने की क्षमता है और रोहित शर्मा, किशन, केएल राहुल और कुछ हद तक कोहली भी बाहर जाती गेंदों को मारने के लिए बेताब रहते हैं. एक शॉट चूका तो बड़े मैदान में कैच होना आसान हो जाता है.”
मोहम्मद नवाज़ और शादाब खान पर निशाना
इस अहम मैच के पहले हुए नेट्स में भारतीय बल्लेबाज़ों ने जितना तेज़ गेंदबाज़ी पर प्रैक्टिस की लगभग उतना ही स्पिनरों पर ध्यान दिया.
हालाँकि विराट कोहली का हाल फ़िलहाल में स्पिन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ औसत पहले की तरह नहीं है लेकिन अहमदाबाद ग्राउंड की थोड़ी छोटी लेग-साइड बाउंड्री को वे निशाना ज़रूर बनाना चाहेंगे.
ज़ाहिर है कोहली और रोहित शर्मा दोनों की नज़र मोहम्मद नवाज़ और शादाब खान के 20 ओवरों पर रहेगी.
साथ ही कप्तान रोहित शर्मा के मुताबिक़, ”अभी तक खेल नहीं सके शुभमन गिल 99% खेलेंगे” वाली खबर भी भारतीय बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी खबर है और गिल नेट्स पर अभ्यास भी कर रहे हैं.
उम्मीद यही है कि मैच काली मिट्टी वाली पिच पर होगा जिसपर गेंद धीमी आती है और स्पिनर्स को मदद मिलती है. भारतीय स्पिनर्स की तुलना में शादाब और नवाज़ पर सवा लाख के दर्शकों वाले स्टेडियम में गेंदबाज़ी करते समय ज़्यादा प्रेशर रहेगा और भारतीय टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ों को इसे भुनाना पड़ेगा.
टॉस जीतने पर बल्लेबाज़ी
इसी मैदान में खेले गए इस विश्व कप के पहले मैच में पिछली चैंपियन इंग्लैंड को न्यूज़ीलैंड ने करारी शिकस्त दी थी और वो भी टॉस जीतने के बाद टार्गेट चेज़ करने के फ़ैसले के बाद.
अगर कप्तान रोहित शर्मा टॉस जीत जाते हैं तो उन्हें उस फ़ैसले के विपरीत पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लेना चाहिए.
वरिष्ठ क्रिकेट विश्लेषक आनंद वासु के अनुसार, ”पाकिस्तान के पिछले कई दिनों में कोई बड़ा टोटल चेज़ करने के बाद ख़ास औसत नहीं रहा है. दूसरी बात, अगर भारत बड़ा स्कोर खड़ा कर देगा तो पाकिस्तान की टीम उसे चेज़ करने के लिए उतरते समय ख़ासे दबाव में होगी क्योंकि होम क्राउड का फ़ायदा भारत को मिलेगा.”
यानी टॉस जीतने पर भारत को पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला लेना ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.