खाने की थाली में खोजें खुशियां! Mindful Eating से पाएं मजबूती और ताकत


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर खाना खाते वक्त ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. ऑफिस का काम करते हुए, टीवी देखते हुए या यहां तक ​​कि गाड़ी चलाते हुए हम खाना खा लेते हैं. लेकिन खाना सिर्फ पेट भरने का जरिया नहीं है, बल्कि सेहतमंद जिंदगी जीने का आधार है. प्लेट में रखें सेहत का खजाना, जिंदगी जीएंगे बेफिक्र होकर.

खाने की इस लापरवाही का नतीजा होता है ज्यादा खाना, बार-बार खाने की इच्छा और ज्यादा मात्रा में खाना, जिससे डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सेहतमंद जिंदगी के लिए पौष्टिक खाना खाना और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना जरूरी है.

सब्जियां, फल और साबुत अनाज खाएं
हाल ही में EAT-लैंसेट कमीशन ने एक यूनिवर्सल हेल्थ रेफरेंस डाइट को परिभाषित किया है, जिसमें सब्जियों, फलों, साबुत अनाज, फलियों और मेवों जैसे हेल्दी फूड की खपत बढ़ाने पर जोर दिया गया है. साथ ही, इसने लाल मांस, चीनी और रिफाइंड अनाज जैसे अनहेल्दी फूड के सेवन को कम करने की सिफारिश की है. आयोग का मानना ​​है कि ताजे फल, मौसमी सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, बीज और मेवा न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देते हैं. यह दृष्टिकोण टिकाऊ कृषि प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है. सेहत और पर्यावरणीय लाभों के अलावा, पौध-आधारित डाइट त्वचा की चमक को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है.

क्या कहता है रिसर्च
लैंसेट के शोध में कहा गया है कि आपकी आधी प्लेट में ताजी सब्जियां और फल होने चाहिए. साबुत अनाज को लगभग 15 प्रतिशत प्लेट बनाना चाहिए, साथ में 2-3 प्रतिशत स्टार्च वाली सब्जियां और 3-4 प्रतिशत डेयरी उत्पाद शामिल होने चाहिए. इसके अलावा, पौध-आधारित प्रोटीन सोर्स को शामिल करना एक बैलेंस डाइट के लिए जरूरी है.

इस बात का रखें ध्यान
कुछ पल का समय लेकर अपनी प्लेट में रखे भोजन की सराहना करना और इस पर विचार करना आपकी सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट और शोध द्वारा सुझाए गए पौष्टिक फूड पर ध्यान देने के साथ संतुलित थाली का पालन करना न केवल खुद के कल्याण में योगदान देता है बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता के व्यापक लक्ष्यों के साथ भी संरेखित करता है.


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