खालिस्तानियों से यारी पड़ रही भारी, कनाडा में 70 लाख लोगों की प्लेटें खाली, इस रिपोर्ट ने उड़ाई ट्रूडो की नींद


नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री खालिस्तानियों से दोस्ती निभाने में जुटे हैं। खालिस्तान के लिए उनका प्रेम ऐसा है कि वो न तो अपना घर संभाल पा रहे हैं और न ही मित्र देशों से दोस्ती निभा पा रहे हैं। जो भारत कनाडा का मित्र राष्ट्र हुआ करता था आज उनसे खुद इस दोस्ती के रिश्ते में दरार डाल दी है। खालिस्तान को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का ये प्रेम अब उनपर ही भारी भर रहा है। ताजा रिपोर्ट ट्रूडो की टेंशन बड़ा देंगे। इस रिपोर्ट ने कनाडा की पोल दुनियाभर के सामने खोल दी है।

भूखमरी के कगार पर कनाडा

कनाडा फूड बैंक ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के लगभग सात मिलियन लोगों के पास खाने-पीने का संकट है। फूड बैंक्स कनाडा ने अपनी रिपोर्ट में कनाडा की पोल खोल दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 42 फीसदी से अधिक आबादी पिछले साल की तुलना में आर्थिक तौर से कमजोर हुई है। कनाडा के लोग फूड इनसिक्योरिटी से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के 18 फीसदी लोग फूड इनसिक्योरिटीज से जूझ रहे हैं।

गरीबी में जी रहे कनाडाई लोग

फूड बैंक्स की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के 2.8 मिलियन कनाडाई गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हैं। कनाडा के लोगों के सामने भऊखमरी, बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है। वहां गरीबी, भूखमरी और बेरोजगारी के आंकड़ों में बीते कुछ सालों में बड़ा उछाल आया है। फूड बैंक्स कनाडा ने अपनी रिपोर्ट में कई ऐसे खुलासे किए हैं, जो हैरान करने वाले है। एक तरफ वहां के पीएम जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों से दोस्ती निभाने में जुटे हैं तो वहीं दूसरी ओर देश के लोगों की हालात खराब होती जा रही है।

70 लाख लोगों के पास खाने का संकट

फूड बैंक्स कनाडा की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में 2.8 मिलियन लोग गरीबी में जी रहे है। 70 लाख से अधिक लोगों के पास खाने-पीने का संकट आ खड़ा हुआ है। कनाडा की 18 फीसदी जनसंख्या खाद्य संकट से जूझ रही है। कनाडा के स्टेट नोवा स्कोशिया की हालात सबसे ज्यादा खराब है। रिपोर्ट के मुताबिक वहां गरीबी में जी रहे लोगों के पास खाने तक की उपलब्धता नहीं है। फूड बैंक कनाडा के सीईओ कर्स्टन बियर्डस्ले ने कहा कि कनाडा की सरकार गरीबी से निपटने में पूरी तरह से फेल रही है। अपनी रिपोर्ट में फूड बैंक्स ने ट्रूडो सरकार की तुलना पिछले चार सरकारों से की है। रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के लोगों को अपने घर के लिए अपनी इनकम का 30 फीसदी से अधिक खर्च करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से इस कैटेगरी में कनाडा को डी रैंक दिया गया है। रिपोर्ट में फूड बैंक ने गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी के मामले में कनाडा को डी प्लस की रैंकिंग दी है।


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