Maharashtra Buldhana News : महाराष्ट्र के बुलढाणा में अचानक से एक साथ 300 लोग बीमार हो गए, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमा गई। अस्पताल में इतने बेड नहीं थे कि सभी मरीजों का इलाज हो सके। ऐसे में अस्पताल के बाहर खुले मैदान में तिरपाल लगाया गया और पेड़ से रस्सी बांधकर ग्लूकोज की बोतलें लटकाई गईं, जहां मरीजों का इलाज किया गया। आइए जानते हैं कि अचानक से कैसे एक साथ 300 लोग बीमार हो गए?
फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए लोग
बुलढाणा जिले की लोनार तहसील के सोमठाना गांव में स्थित विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 14 फरवरी से प्रारंभ हुए धार्मिक कार्यक्रम के सातवें दिन एकादशी के मौके पर रात करीब 10 बजे प्रसाद का वितरण किया गया। सोमठाना और खापरखेड़ गांव के लोगों ने एकादशी का प्रसाद ग्रहण किया, जिससे करीब 300 लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए।
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अस्पताल में कम पड़ गए बेड
फूड पॉइजनिंग की वजह से लोगों के पेट में दर्द, ऐंठन, दस्त, उल्टी जैसे समस्याएं शुरू हो गईं, जिससे पूरे गांव अफरातफरी मच गई। इस पर गांव के अस्पताल में ग्रामीणों को भर्ती कराया गया, जहां कोई भी सरकार डॉक्टर मौजूद नहीं था। लोगों ने मदद के लिए प्राइवेट डॉक्टरों को बुलाया। मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से अस्पलात में बेड कम पड़ गए थे।
खुले मैदान में मरीजों का हुआ इलाज
इस पर गांव के युवाओं ने अस्पताल के बाहर ही खुले मैदान में तिरपाल लगाया। पेड़ से रस्सी बांधकर ग्लूकोज मरीजों को चढ़ाया गया। इस दौरान मरीज जमीन पर लेटे थे। ग्रामीणों ने मामले की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी। इस पर प्रशासन ने कई मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया। मरीजों में पुरुष, महिला और बच्चे शामिल हैं।
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जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए प्रसाद के सैंपल
बुलढाणा जिला कलेक्टर का कहना है कि मेडिकल इमरजेंसी की सूचना मिलते ही डॉक्टरों की एक टीम मौके पर भेजी गई। साथ ही एंबुलेंस से आवश्यक उपकरण भी भेजे गए। जांच के लिए प्रसाद के सैंपल प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही फूड पॉइजनिंग की वजह पता चल सकेगी।