आपको साथ भी कभी न कभी ऐसा हुआ होगा कि पापा की डांट खाने की वजह से आपका मूड ऑफ हो, ऐसे में आपकी बहन ने भी या तो आपको डांट खाने से बचाया होगा या फिर बाद में छोटे-मोटे मजाक करके हसाया भी होगा। भाई-बहनों का प्यार होता ही ऐसा है, हमारी लाइफ में मां के बहनें ही तो हमारा साथ देती हैं। (फोटो साभार: इमस्टाग्राम @khaleelahmed13)
ऐसा था पापा से रिश्ता
अपने खेल में मशरूफ रहने वाले खलील का पढ़ाई और घर के कामों में बिल्कुल मन नहीं लगता था, और यही कारण था कि पढ़ाई को लेकर लापरवाही के कारण खलील को उनके पापा से मार पड़ती थी। कभी-कभी तो बेल्ट से भी पिट जाते थे खलील। लेकिन जब इस धाकड़ गैंदबाज के पिता ने अपने बेटे का क्रिकेट के प्यार देखा तो बाद में उन्हें खेलने की इजाजत तक देगी और कहा कि दिल खोलकर खेलो। आज ये खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहा है।
बहनें देती थी साथ
खलील की तीन बहनें हैं और तीनों ने ही उनका बहुत साथ दिया। पापा से मार खाने के बाद रात को बहनों का खलील की चोटों पर मरहम लगाना, इससे पता चलता है कि उनकी बहनें उनसे बहुत प्यार करती थीं और हैं। भाई-बहन का प्यार होता ही कुछ ऐसा है, भाई से चाहे कितनी भी लड़ाई हो जाए, प्यार में कोई कमी नहीं आती है।
मां की तरह बहनें भी देती हैं साथ
जब बात बड़ी बहनों की आती है तो उन्हें घर में मां के साथ ही सेम उसी दर्जे पर देखा जाता है और उतनी ही तवज्जो दी जाती है। जिस तरह मम्मी पापा की डांट से बचाती है उसी तरह बहनें मां और पापा दोनों की डांट और मार से हमें बचाती है। सिर्फ यही नहीं, हर काम में साथ देने और गलत कदम उठाने से भी रोकने का काम भी करती है। इसलिए कई भाई अपनी बहनों को मां जैसा ही मानते हैं और उन्हें बहुत प्यार करते हैं।
गलतियों पर डालती है पर्दा
हर बात पर लड़ाई करने वाले भाई-बहनों में जितनी नोक-झोक होती है उतना ही प्यार भी होता है। दिन भर चाहे एक दूसरे का सिर फोड़ने को तैयार हों पर जरूरत पड़ने पर वही काम आते हैं। मामा का दिया फेवरेट कप सेट तोड़ने से लेकर पापा के दिए पैसे खो देने तक, बहनें भाइयों की हर गलती पर पर्दा डालकर उसकी गलती को छुपा देती हैं। यही तो होता है बहनों का प्यार, लेकिन कभी-कभी यही बहनें जबरदस्ती डांट भी खिला देती हैं।
पापा को राजी करने में करती है मदद
आपको अगर कहीं घूमने जाना हो तो सबसे पहले किस के पास जाते हैं? बहन के ही ना! क्योंकि हमें पता होता है कि पापा मम्मी के अलावा दीदी की ही बात सुनते और मानते हैं। ऐसे में दोस्तों के साथ कॉलेज ट्रिप पर जाना हो या नाइट आउट पर, बहनें पापा को मनाकर परमिशन दिलवा ही देती हैं। कुछ इस तरह बहनें मां की तरह भाइयों का साथ देती हैं।