जेजे में 300 मरीजों की जांच
जेजे अस्पताल में मेडिसिन विभाग के यूनिट हेड मधुकर गायकवाड ने बताया कि अप्रैल में लगभग 300 गैस्ट्रो के मरीजों की जांच की गई। दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन से पस्त हो चुके मरीजों को ऐडमिट किया गया। हालांकि 4 से 5 दिन में मरीज रिकवर हो जाता है। ओपीडी बेसिस पर दो दिन में ही रिकवरी हो जाती है।
पेट की समस्या का प्रमुख कारण जंक फूड
मुंबई में फास्ट या जंक फूड लोग बड़े ही चाव से खाते हैं। मुंबईकर सड़क किनारे ठेला लगानेवालों से वड़ा पाव, समोसे, चाइनीज भेल, पानी पूरी, कटे फ्रूट्स लेकर खाते हैं, लेकिन वे इस बात पर गौर नहीं करते कि उस खाद्य या पेय पदार्थों को कितनी सफाई से बनाया जाता है, किस तेल का इस्तमाल किया जाता है। खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखा जा रहा है या नहीं, इसका भी ध्यान नहीं रखते। रोड साइड स्टॉल्स पर खाद्य व पेय पदार्थ खुले में ही बेचे जाते हैं। ऐसे में गाड़ियों से निकलेवाला प्रदूषण, सड़क की धूल, गंदगी में बैठनेवाली मक्खियां इन खाद्य पदार्थों को लगभग जहर बना देती हैं। दूषित खानपान से पेट में इंफेक्शन होना लाज़िमी है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में 916 लोग गैस्ट्रो से प्रभावित हुए, जबकि मार्च में यह आंकड़ा 637 था। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुंबई में गैस्ट्रो के केसेस में इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण है दूषित पानी या अस्वास्थ्यकर आहार। कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ जाता है।
4 महीने में 71 फीसदी बढ़े मामले
गैस्ट्रो के मरीजों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। जनवरी की तुलना में अप्रैल में गैस्ट्रो के मामले 71 फीसदी रिपोर्ट हुए हैं। जनवरी में 536 मामले सामने आए थे, जबकि अप्रैल में 916 लोग गैस्ट्रो से पीड़ित थे।
महीना गैस्ट्रो के मरीज
जनवरी 536
फरवरी 612
मार्च 637
अप्रैल 916
लक्षण
-जी मचलना और उल्टी होना
-दस्त के साथ पेट में ऐंठन और दर्द
-पहले दो दिन में बुखार
क्या करें
-पर्सनल हाइजीन बेहद जरूरी
-खाना अच्छे से पका कर खाएं, बाहर के खाने से परहेज करें
-उबला व गुनगुना पानी पिएं
-खाने की चीजों को अच्छे से ढंके
क्या न करें
सेल्फ मेडिकेशन से बचें
फास्ट फूड और जंक फूड अवॉइड करें
कट फ्रूट और बर्फ युक्त जूस का सेवन न करें
बासी खाना न खाएं