एक ऑफ़ स्पिनर और आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में गुरकीरत की प्रतिभा पहली बार 2011 में देखी गई, जब वह पंजाब अंडर -22 टीम का हिस्सा थे, उस साल पंजाब की टीम ने सीके नायडू ट्रॉफ़ी जीती थी। उस टूर्नामेंट में उन्होंने काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था। उसके बाद वह लगातार बढ़िया प्रदर्शन करते रहे और उन्हें भारतीय टीम से भी बुलावा आया। 2015 तक वह भारतीय ‘ए’ टीम का हिस्सा बने रहे और ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ त्रिकोणीय श्रृंखला का फ़ाइनल जीतने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुरकीरत ने उस सीज़न की रणजी ट्रॉफ़ी में दोहरा शतक भी बनाया था।
गुरकीरत को नवंबर 2015 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू श्रृंखला के लिए भारत की टेस्ट टीम में चुना गया था – लेकिन उन्हें खेलेने का मौक़ा नहीं मिला। 2016 की शुरुआत में उन्होंने भारत की सीमित ओवरों की टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया और मेलबर्न में अपना वनडे डेब्यू किया।
गुरकीरत ने अपने वनडे करियर में सिर्फ़ 13 गेंदों का सामना किया और एक गेंदबाज़ के तौर पर सिर्फ़ 60 गेंदें की। आईपीएल में उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 2012 में डेब्यू किया था। इसके बाद वह अगले पांच साल तक उन्हीं की टीम का हिस्सा रहें। इसके बाद वह रायल चैंलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा बने और फिर 2022 में उन्हें गुजरात टाइटंस की टीम ने अपने साथ शामिल किया था, हालांकि वहां उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौक़ा नहीं मिला। इस साल भी पंजाब की टीम जब सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी जीती तो वह टीम का हिस्सा थे।