गेहूं-चावल और अनाज पर कम खर्च कर रहे भारतीय, मनोरंजन और विलासिता पर खर्च बढ़ा, चौंकाने वाले हैं NSO के आंकड़े


सांख्यिकी मंत्रालय के अधीन संस्था नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन NSO के सर्वे में कहा गया है कि भारतीय परिवारों का बीते 10 साल में खर्च बढ़कर दोगुना हो गया है. गेहूं-चावल, दाल और अनाज समेत भोजन पर भारतीयों का खर्च घट गया है. जबकि, कपड़े, टीवी-फ्रिज और मनोरंजन पर खर्च बढ़ गया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में एक व्यक्ति का हर माह खर्च बढ़कर 3773 रुपए हो गया है. इस सर्वे के आधार पर दावा किया जा रहा है कि अब रिटेल महंगाई को बढ़ाने में गैर खाद्य पदार्थों का ज्यादा योगदान है.  

कपड़ों, टीवी-फ्रिज और मनोरंजन पर ज्यादा खर्च कर रहे लोग 

सांख्यिकी मंत्रालय ने भारतीय परिवारों के घरेलू खर्च को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें सामने आया है कि भारतीय परिवारों का घरेलू खर्च पिछले 10 साल में दोगुना से ज्यादा बढ़ गया है. मासिक प्रति व्यक्ति खर्च यानी MPCE की इस रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय घरों में खाने के सामान के मुकाबले कपड़ों, टीवी-फ्रिज और मनोरंजन पर ज्यादा खर्च कर किया जा रहा है. भारतीय गेहूं, चावल और दालों के साथ ही अनाज पर कम खर्च कर रहे हैं. लेकिन बेवरेज, रिफ्रेशमेंट और प्रोसेस्ड फूड पर उनका खर्च तेजी से बढ़ गया है.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने भोजन का खर्च घटाया 

मंत्रालय के सर्वे में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय परिवारों का भोजन पर हर महीने खर्च 2011-12 के मुकाबले 53 फीसदी से घटकर 46.4 फीसदी हो गया है. जबकि, खाने की जगह दूसरे खर्च 47% परसेंट से बढ़कर 53.6 फ़ीसदी हो गए हैं. वहीं, शहरी इलाकों में रहने वाले परिवारों के मासिक खर्च में भोजन की हिस्सेदारी 42.6 फीसदी से घटकर 39.2 फीसदी रह गई है. जबकि, खाने के अलावा दूसरे सामानों की हिस्सेदारी 57.4 प्रतिशत से बढ़कर 60.8 परसेंट हो गई है. 

ग्रामीण क्षेत्र में एक व्यक्ति का हर माह खर्च बढ़कर 3773 रुपए हुआ 

ये आंकड़े अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच किए गए सर्वे में सामने आए हैं. इस कंज्यूमर सर्वे से भारतीय परिवारों के खर्च के पैटर्न की जानकारी मिली है जो अर्थव्यवस्था में डिमांड का अनुमान लगाने के लिए जरूरी है. सर्वे के मुताबिक अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच ग्रामीण क्षेत्र में एक व्यक्ति का हर महीने खर्च बढ़कर 3773 रुपए हो गया है. ये खर्च 2011-2012 के पिछले सर्वे में 1430 रुपए था. इस दौरान शहरी क्षेत्र में हर महीने प्रति व्यक्ति खर्च बढ़कर ​​6459 रुपए हो गया है, जो पिछले सर्वे में 2630 रुपए था. (आदित्य के राणा )

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