चंपारण हांडी मटन खाकर झूम उठेगा दिल… 280 रुपये में मिलते हैं 8 पीस, नेपाल और बंगाल के लोग भी दीवाने


भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: चंपारण के हांडी मटन की महक बिहार के साथ-साथ देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है. दरअसल चंपारण हांडी मटन के स्वाद ने लोगों को दीवाना बना रखा है. इसकी दीवानगी की वजह इसका बनाने का तरीका और इसमें इस्तेमाल होने वाला मटन है. एक हांडी में आपको मटन का वो हर पीस मिलेगा, जिसको आप बेहद चाव से खाते हैं. यदि आप सीतामढ़ी में हैं और हांडी मटन खाने की सोच रहे हैं, तो आपको शहर के कांटा चौक पर आना होगा. यहां राजेश के दुकान की हांडी मटन इतना प्रसिद्ध है कि बंगाल से लेकर नेपाल तक के लोग इस लजीज मटन का स्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं. सबसे खास बात यह है कि बिना मसाला डाले बेहतरीन स्वाद वाला मटन यहां बनता है.

राजेश ने बताया कि पहले गाड़ी का करोबार करते थे, तो सीतामढ़ी से अन्य जगहों पर यात्रियों को ले जाते थे. गोपालगंज अक्सर आना-जाना होता था और मोतिहारी में रुककर हांडी में बना मटन खाया करते थे. एक दिन मटन खाते समय ख्याल आया कि क्यों न इसी विधि से सीतामढ़ी में मटन बनाया जाए. इसके बाद शहर के कांटा चौक पर दुकान लगाना शुरू कर दी. यहां दुकान चालू करने के पीछे की यह वजह थी कि एक तो यह हाईवे है और ज्यादातर बस सहित अन्य वाहन यहीं रुकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 100 से अधिक ग्राहक सिर्फ मटन खाने आते हैं. राजेश ने बताया कि मटन को बनाने में किसी भी मसाले का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

280 रुपये में मिलता है इतना कुछ
दुकानदार राजेश ने बताया कि मटन बनाने में सिर्फ खड़े गरम मसाले डालते हैं. वहीं, मसाले की जगह सिर्फ जीरा, मरीच, लॉन्ग, इलायची का ही प्रयोग करते हें. उन्होंने बताया कि 4 महीने से इस दुकान को चला रहे हैं और खुलते ही अपना पांव जमा लिया है. राजेश ने बताया कि फुल प्लेट मटन-चावल की कीमत 280 रुपये है, जिसमें 8 पीस मटन दिया जाता है. जबकि हाफ प्लेट मटन-चावल की कीमत 160 रुपये है. इसमें 4 पीस मटन रहता है. उन्होंने बताया कि हाफ प्लेट में 5 रोटी या फिर चावल रहता है. यह ग्राहक के ऊपर निर्भर करता कि वे मटन के साथ रोटी खाना चाहते हैं या चावल. साथ ही बताया कि प्रतिदिन 15 किलो तक मटन की खपत हो जाती है. जबकि कारीगर की मजदूरी और लागत को काटकर लगभग पांच हजार प्रतिदिन बचत हो जाती है.

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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 18:33 IST


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