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भारत सहित दुनिया के सात देशों की 20 नामचीन कंपनियों के 35 हजार खाद्य उत्पादों के नमूने जांच में फेल मिले हैं। ये कंपनियां विज्ञापनों के दम पर इंसानों के स्वास्थ्य को जोखिम में डाल रहे हैं। इनमें शीतल पेय, कन्फेक्शनरी और स्नैक्स जैसे उत्पाद भी शामिल हैं, जो घर-घर में पहुंचकर बच्चों से लेकर वयस्क तक में बीमारियों का जोखिम बढ़ा रहे हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन मेडिकल जर्नल ग्लोबलाइजेशन एंड हेल्थ में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने भारत सहित सात देशों ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, दक्षिण अफ्रीका, यूके और अमेरिका कीं नामचीन 20 कंपनियों के 1294 ब्रांड के कुल 35,550 उत्पादों की जांच की, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तय मानकों के अनुसार 89% नमूने फेल साबित हुए, जो स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक हैं।
ऊर्जा प्रदान करने वाले अधिकतर उत्पाद पहुंचा रहे सेहत को नुकसान
जनहित में पोषण वकालत (एनएपीआई) के सदस्य डॉ. अरुण गुप्ता ने वैज्ञानिक तथ्यों का इस्तेमाल करते हुए नामचीन कंपनियों के उत्पादों को स्वस्थ और अस्वस्थ रूप में वर्गीकृत किया है। भारत में हम लगातार चॉकलेट या चीनी कन्फेक्शनरी जैसे उत्पादों की मार्केटिंग लगातार बढ़ते देख रहे हैं। जूस से लेकर आइसक्रीम और केक से लेकर ऊर्जा प्रदान करने वाले पेय पदार्थ तक बच्चों से लेकर वयस्कों की दैनिक जीवनशैली में प्रमुखता से शामिल हो रहे हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।