सांकेतिक तस्वीर
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अब तक हमने केवल लड़कियों और महिलाओं को अपने रंग, रूप या चेहरे की सुंदरता को लेकर चिंतित होते देखा है। इसके लिए वह तरह-तरह के परहेज करने, डायटिंग, जंक फूड खाने या फिर ब्यूटी पार्लर के जरिए अपने चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करती हैं, लेकिन अब लड़के भी अपने चेहरे की सुंदरता को लेकर गंभीर होने लगे हैं और इसके कारण जानने का प्रयास करने लगे हैं। यही नहीं उसका निवारण भी कर रहे हैं। सिविल अस्पताल के मित्रता क्लीनिक में हर माह होने वाली काउंसिलिंग में यह बात सामने आई है।
हर माह 220 से ज्यादा किशोर व किशोरी काउंसिलिंग के लिए आ रहे
मित्रता क्लीनिक में हर माह 19 साल तक के करीब 400 किशोर-किशोरी विभिन्न समस्याओं को लेकर काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं। इसमें 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जिनको अपनी त्वचा को लेकर समस्याएं हैं और वह इन समस्याओं के कारण, निवारण व उनके साइड इफैक्ट्स को जानने के लिए मित्रता क्लीनिक में काउंसिलिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें अधिकतर बच्चे दोस्तों के साथ आ रहे हैं। बहुत कम मामलों में अभिभावक उनके साथ होते हैं। यहां पर काउंसलर उनका इलाज कराने में सहयोग कर रहे हैं।
बाहर का अधिक भोजन खाने से चेहरे पर सफेद दाग
17 साल की एक किशोरी मित्रता क्लीनिक पहुंची। उसके चेहरे पर सफेद दाग थे, लेकिन क्यों थे। उसे खुद इसकी जानकारी नहीं थी। शरीर से भी वह कमजोर थी। मित्रता क्लीनिक की तरफ से उसे सफेद दाग होने के कारण बताए गए कि वह सही तरीके से खानपान नहीं करती है। बाहर का खाना ज्यादा खाती है। विटामिन डी, विटामिन ई, कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्वों की कमी के कारण भी त्वचा का रंग खराब हो सकता है, जो आपके चेहरे या आपके शरीर के अन्य हिस्सों पर सफेद धब्बे का कारण है।
सुंदर दिखने के लिए कर रहे डायटिंग
मित्रता क्लीनिक में एक युवक आया, वह चेहरे पर सुंदरता लाने के लिए डायटिंग तक कर रहा था। इसके चलते उसके चेहरे पर पिंपल, पीलापन और सफेद दाग तक हो गए थे। काउंसिलिंग के दौरान उसे समझाया गया कि डायटिंग नहीं करनी चाहिए। तीनों समय पौष्टिक खाना लेना चाहिए। जंक फूड नहीं खाना है। इससे खून की कमी नहीं होगी।
ऐसे करे बचाव
जंक फूड नहीं खाएं, ज्यादा पानी पीएं, पौष्टिक खाना खाएं, हरी सब्जी व फलों का प्रयोग करें, दूध पीएं, प्रार्टीन युक्त पदार्थ खाएं।
इनको लेकर पहुंच रहे बच्चे
जिला अर्श काउंसलर संदीप कुमार जांगड़ा के अनुसार चेहरे पर सफेद दाग, पिंपल, रंग सांवला या काला होना, त्वचा में कसावट, मस्से निकलना आदि समस्या को लेकर किशोर-किशोरी काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं।
मित्रता क्लीनिक की चार माह की स्थिति
माह कुल केस त्वचा से संबंधित केस किशोर किशोरियां
अप्रैल 354 234 108 116
मई 360 227 84 143
जून 334 195 76 119
जुलाई 352 228 91 137
अधिकारी के अनुसार
मित्रता क्लीनिक में 19 साल तक के बच्चों की विभिन्न समस्याओं को लेकर काउंसिलिंग की जाती है और उनका समाधान कराने का प्रयास रहता है। पिछले कुछ समय में त्वचा से संबंधित समस्याओं को लेकर किशोर-किशोरी ज्यादा आ रहे हैं। वह और ज्यादा सुंदर दिखना चाहते हैं। इसे लेकर उन्हें जानकारी प्रदान की जाती है। – संदीप कुमार जांगड़ा, जिला अर्श काउंसलर, सिविल अस्पताल, झज्जर।