जरूरत की खबर- जयपुर में 23 लोगों को फूड पॉइजनिंग: पहचानें इसका कारण और लक्षण, फूड ऑर्डर करने पर ध्यान रखें 10 बातें


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40 मिनट पहले

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जयपुर में शनिवार, 28 अक्टूबर को फूड पॉइजनिंग से 23 लोगों की तबीयत गंभीर रूप से खराब हो गई। ये 23 लोग भोजन-प्रसादी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

दूसरा मामला केरल के कोच्चि से 27 अक्टूबर शुक्रवार को आया, जहां एक 24 साल के लड़के की फूड पॉइजनिंग से मौत हो गई। लड़के ने शहर के एक होटल में शवर्मा खाया था।

इससे पहले 21 अक्टूबर को राहुल नायर नाम के लड़के को भयानक फूड पॉइजनिंग हुई। उसने भी बाहर का स्ट्रीट फूड खाया था।

कहीं प्रसादी, कहीं शवर्मा और कहीं स्ट्रीट फूड लोगों में न सिर्फ फूड पॉइजनिंग बल्कि मौत तक का कारण बन गया।

जरूरत की खबर में आज जानेंगे कि फूड पॉइजनिंग किन वजहों से होती है। इसके क्या लक्षण होते हैं और फूड पॉइजनिंग न हो, इसके लिए हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

सवाल: फूड पॉइजनिंग किन वजहों से होती है?
जवाब:
कई कारण हैं, जिनकी वजह से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इसे नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-

खाने में फूड पॉइजनिंग का बैक्टीरिया 4 तरह से फैलता है-

टाइम पीरियड: 7 घंटे में फूड पॉइजनिंग के एक बैक्टीरिया से 20 लाख बैक्टीरिया बन सकते हैं। इसलिए कुकिंग के बाद बाहर के तापमान में देर तक रखी चीजें न खाएं।

टेम्प्रेचर: फूड पॉइजनिंग के बैक्टीरिया 5 डिग्री सेल्सियस और 60 डिग्री सेल्सियस के बीच तेजी से फैलते हैं। इसलिए इस टेम्प्रेचर रेंज के बाहर रखी चीजें न खाएं।

न्यूट्रीशन फूड: खाने की जिन चीजों में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, उनमें बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। जैसे- दूध, दही, मांस और अंडे।

पानी: बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए पानी की जरूरत होती है। इसलिए गीली चीजों में फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल: खाने की किन चीजों के जल्दी खराब होने का रिस्क रहता है?
जवाब:
ऐसे तो बहुत सारी चीजें हैं खाने की। इनकी गिनती ही नहीं कर सकते हैं। लेकिन हम उन कुछ खास फूड आइटम्स की बात करेंगे, जिन्हें डेली लाइफ में लगभग हर कोई खाता है और जो बहुत तेजी से खराब होती हैं।

  • कच्चा या अधपका मीट
  • मीट से बनी हुई चीजें जैसे- सैंडविच, बर्गर
  • देर तक रखा फ्रूट सैलेड
  • पैकेज्ड फूड
  • डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर, खोया, छेना
  • सीफूड
  • टमाटर, मशरूम
  • प्याज की पकी हुई तरी
  • बाहर रखी चटनी
  • जूस

सवाल: किसी को फूड पॉइजनिंग हुई है, ये कैसे पता चलेगा?
जवाब:
नीचे लिखे हुए लक्षणों से आप आसानी से पहचान सकते हैं कि फूड पॉइजनिंग हुई है या नहीं…

  • पेट दर्द
  • डायरिया
  • उल्टी
  • मितली आना
  • बुखार
  • डिहाइड्रेशन

नोट: ये सिम्टम्स दिखने पर लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सवाल: फूड पॉइजनिंग होने पर मौत होने का खतरा क्यों होता है?
जवाब:
फूड पॉइजनिंग से कई बार गंभीर डायरिया, जॉन्डिस यानी पीलिया और डिसेंट्री हो जाती है। अगर समय रहते इन्हें कंट्रोल न किया जाए तो मौत भी हो सकती है।

इसे अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं और तबीयत खराब होने के बाद भी इधर-उधर से कुछ भी खा लेते हैं और उन्हें लूज मोशन्स- वॉमिटिंग होने लगती है। फूड पॉइजनिंग से इंटस्टाइनल अल्सर भी हो सकता है।

सवाल: फूड पॉइजनिंग होने पर जल्द से जल्द ठीक होने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब:
अगर फूड पॉइजनिंग हो गई है तो कई बातों का ध्यान रखना होगा, इसे पॉइंट्स में समझते हैं-

फूड पॉइजनिंग होने पर घबराएं नहीं, इन बातों का ध्यान रखें

  • तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। स्थिति गंभीर होने पर एंटीबायोटिक भी लेने की जरूरत पड़ सकती है।
  • आराम करें और ज्यादा भागदौड़ न करें।
  • पर्याप्त और साफ पानी पिएं, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।
  • हल्का खाना जैसे खिचड़ी, केला, दलिया खाएं।
  • डाइट में मुलायम गूदे वाले फल और हरी सब्जियां शामिल करें।
  • ORS का पानी समय-समय पर पीते रहें।

ऐसी स्थिति में तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क…

  • लगातार उल्टियां हो रही हैं।
  • 2-3 दिन बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है।
  • डिहाइड्रेशन की वजह से न के बराबर यूरीन आ रहा है।
  • जिसे फूड पॉइजनिंग हुई है, वो प्रेग्नेंट है।
  • बुजुर्ग या किसी बच्चे को फूड पॉइजनिंग हुई है।
  • डायबिटीज या किडनी पेशेंट को फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिख रहे हैं।
  • इम्युनिटी कमजोर लग रही है।
  • कैंसर या HIV के पेशेंट में फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिख रहे हैं।

सवाल: अगर बाहर से खाना मंगवा रहे हैं या बाहर खाने जा रहे हैं तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब:
वैसे तो बाहर का खाना हमेशा ही नुकसानदेह होता है। इसके बावजूद अगर आप बाहर से खाना मंगवा रहे हैं या बाहर खाने जा रहे हैं तो ये सावधानियां बरतें…

सवाल: घर पर खाना पकाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि फूड पॉइजनिंग न हो?
जवाब:
इसे नीचे लिखे पॉइंट्स से समझते हैं-

  • खाना बनाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • चाकू और चॉपिंग बोर्ड हमेशा धोकर इस्तेमाल करें।
  • लकड़ी के चकला-बेलन अच्छी तरह से धोकर सुखाएं।
  • सब्जियां और फल अच्छी तरह से धोएं।
  • फ्रिज में कच्चा मांस पके हुए खाने से दूर रखें। संभव हो तो फ्रिजर में ही रखें।
  • कच्चे मांस और सब्जियों को काटने के लिए अलग-अलग चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें।
  • खाना अच्छी तरह से 75 डिग्री तक पकाएं।
  • मीट सफेद हो जाने तक पकाएं।
  • किचन को हमेशा एकदम साफ-सुथरा रखें। वहां पानी जमा नहीं होना चाहिए। खासतौर पर सिंक के नीचे और आसपास के एरिया में। किचन को नमी से भी बचाना चाहिए।

सवाल: बाहर अगर खराब खाना मिल रहा है तो उसकी शिकायत कहां कर सकते हैं?
जवाब:
अगर रेस्टोरेंट मिलावट वाला या खराब खाना परोसता है तो फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI को ऑनलाइन या ऑफलाइन उसकी शिकायत कर सकते हैं।

सवाल: ऑनलाइन और ऑफलाइन शिकायत करने का क्या प्रोसेस है?
जवाब:
दोनों तरीकों को अलग-अलग समझते हैं-

ऑफलाइन

  • खाने का सैंपल लेकर नजदीकी फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के लैब में जाएं।
  • जिस खाने का सैंपल लेकर आए हैं, उसका लैब टेस्ट कराएं।
  • खाने में कुछ भी खराबी मिलने पर रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ऑनलाइन

  • FSSAI का शिकायत पोर्टल या ऐप खोलें।
  • PROCEED WITH FOOD RELATED GRIEVANCE पर क्लिक करें।
  • लेफ्ट की ओर नीचे CONSUMER बॉक्स पर जाएं और लॉगिन करें।
  • इसके बाद लेफ्ट मेन्यू में REGISTER NEW COMPLAINT पर क्लिक करें।
  • मांगी गई जानकारी को भरें और सबमिट करें।
  • इसके बाद एक टिकट नंबर दिया जाएगा, उसे नोट कर लें।

नोट- FSSAI के टोल फ्री नंबर – 1800113921 पर भी शिकायत कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिकायत ट्रैक करने का प्रोसेस

शिकायत ट्रैक करने के लिए FSSAI के शिकायत पोर्टल पर जाएं। वहां COMPLAINT TRACKER में अपना टिकट नंबर डालें और कैप्चा फिल करें। सबमिट करने के बाद कार्रवाई की जानकारी मिल जाएगी।

एक्सपर्ट- डॉ. शुचिन बजाज, फाउंडर डायरेक्टर, उजाला सिग्नस अस्पताल, दिल्ली

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