दिल्ली: आजकल लोगों में फ़ूड पाइप कैंसर के मामले में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसको लेकर जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मैक्स अस्पताल दिल्ली के डॉक्टर ने विस्तार से लोगों को जानकारी दी और सतर्क रहने के लिए कहा। इस दौरान मैक्स हॉस्पिटल साकेत में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर डॉक्टर अतुल शर्मा ने कहा कि ”जब एसोफेगस में कोशिकाओं की असामान्य ग्रोथ होती है तो उस कंडीशन को एसोफेगल कहा जाता है। इसकी पहचान और इलाज दोनों में कई तरह की चुनौतियां आती हैं।
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इसके दो मुख्य प्रकार एडेनोकार्सिनोमा और स्कैमस सेल कार्सिनोमा कई तरह के रिस्क फैक्टर्स के कारण होते हैं जिनमें स्मोकिंग, शराब का सेवन, एसिड रिफ्लक्स, खाने-पीने की आदतें और मोटापा है। इन रिस्क फैक्टर के अलावा कई मरीजों को एसोफेगल कैंसर बिना किसी ठोस कारण के भी हो जाता है, लिहाजा स्क्रीनिंग और अवेयरनेस बेहद अहम है।” एसोफेगल कैंसर के लक्षणों में खाना निगलने में परेशानी, बार-बार उल्टियां आना, सीने में दर्द, वजन कम होना और खून की उल्टी है। प्रोफेसर डॉक्टर अतुल शर्मा ने बताया कि गहन निगरानी के जरिए रोग की शुरुआती पहचान और फिर समय पर इलाज बेहद जरूरी है।
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डॉक्टर अतुल शर्मा ने आगे कहा कि ”शुरुआती स्टेज के मरीजों के लिए सर्जरी एक बेहतर इलाज है जबकि एडवांस स्टेज के मामलों में मल्टी अप्रोच अपनानी पड़ती है जिसमें कीमोथेरेपी और कीमो-रेडियोथेरेपी भी शामिल है। इंटेंसिटी मॉड्यूलेटेड रेडिएशन थेरेपी (आईएमआरटी) जैसी शानदार टेक्नोलॉजी के जरिए एकदम सटीक रेडिएशन किया जा रहा है और इसमें आसपास के ऑर्गन को नुकसान होने का रिस्क भी बहुत कम रहता है।”
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