जिले के 3 लाख परिवारों को नहीं मिले फूड पैकेट: चुनाव आचार संहिता लगते ही गहलोत सरकार की अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना पर संकट


भरतपुर14 मिनट पहले

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आचार संहिता लगते ही गहलोत सरकार की महंगाई राहत अन्नपूर्णा फूड पैकेट याेजना खटाई में पड़ गई है। आधा अक्टूबर बीत चुका है, लेकिन अभी तक फूड पैकेट नहीं आए हैं। कब आएंगे इसे जिला रसद अधिकारी भारती भारद्वाज सहित विभाग का काेई भी अधिकारी बताने काे तैयार नहीं है।

इससे करीब 3.29 लाख परिवार फूड पैकेट का इंतजार कर रहे हैं और परेशान हैं। क्याेंंकि गेंहूू का आवंटन भी नहीं हा़े रहा है। ऐसे में कई परिवारों काे फांकाकशी की नाैबत है। राशन डीलरों के पास राेजाना फूड पैकेट के बाबत पूछताछ के लिए लाेग पहुंच रहे हैं, लेकिन काेई माकूल जवाब नहीं मिल रहा।

डीलरों काे भी रसद विभाग के अधिकारी सीधे मुहं काेई जानकारी नहीं दे रहे। इस पर राजस्थान राशन डीलर समन्वय समिति ने नाराजगी जताई है। समिति संयोजक गाैरव साेनी ने कहा कि फूड पैकेट वितरण व्यवस्था प्रारंभ से ही गड़बड़ है। विभाग ठेकेदार पर लगाम नहीं लगा पा रहा। इसलिए समय पर फूड पैकेट नहीं आ रहे हैं।

अक्टूबर माह के फूड पैकेट कब आएंगे इसका काेई अता-पता नहीं है। इस बाबत कई मर्तबा डीलर विभाग से पूछताछ कर चुके हैं। रसद विभाग का कहना है कि फूड पैकेट पर सीएम अशाेक गहलोत का फाेटाे है। आचार संहिता के कारण किसी नेता के फाेटाे वालाें बैग में सामग्री नहीं बांटी जा सकती।

यानी नए बैग तैयार हाेने पर ही फूड पैकेट आएंगे, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बच्चे-बच्चे काे मालूम था कि अक्टूबर के प्रारंभ में आचार संहित लग जाएगी। फिर भी विभाग साेता रहा। खामियाजा गरीब-गुरबा परिवारों काे उठाना पड़ रहा है।

गुलालकुंड की गाेमती देवी और ओमवती मीणा, बीनारायण गेट के रमेश, काेतवाली के अशाेक एवं कुम्हेर गेट के राेशन ने बताया राशन की दुकान और रसद विभाग कार्यालय पर हा़े आए हैं, लेकिन काेई सही से बता ही नहीं रहा कि राशन कब मिलेगा। ज्ञात रहे कि फूड पैकेट में आटा, दाल, चावल, चीनी, चाय पती, मसाले आदि मिलते हैं।


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