मुंबई के रहने वाले सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम पर क्रिकेट का ककहरा सीखा था। इसी मैदान पर सचिन ने अपना रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया था। उस मुकाबले में सचिन ने शतक बनाया था। डेब्यू मैच के समय सचिन की उम्र में 15 साल थी। 2013 में जब सचिन ने संन्यास लिया तो वह क्रिकेट के भगवान का दर्जा प्राप्त कर चुके थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर का आखिरी मैच भी सचिन ने इसी वानखेड़े स्टेडियम पर खेला था। संन्यास के समय उनके नाम वनडे और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन के साथ ही सबसे ज्यादा शतक भी थे।
सचिन के स्टैच्यू का अनावरण
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को वानखेड़े स्टेडियम में लीजेंड क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की एक भव्य और चमचमाती कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया।
सचिन तेंदुलकर भी रहे मौजूद
इस अवसर पर सचिन तेंदुलकर और उनका पूरा परिवार, खेल मंत्री संजय बनसोडे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआई सचिव जय शाह, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले, सचिव अजिंक्य नाइक समेत बीसीसीआई और एमसीए के पदाधिकारी उपस्थित थे।
पहली बार वानखेड़े में किसी क्रिकेटर का बना स्टैच्यू
एमसीए द्वारा निर्मि, क्रिकेट आइकन को उनके ट्रेडमार्क ‘लॉफ्टेड ड्राइव’ पोज में चित्रित करने वाली प्रतिमा 49 साल पुराने वानखेड़े स्टेडियम में किसी भी दिग्गज के लिए पहली बार बनाई गई है।
किसने बनाया सचिन का स्टैच्यू
सचिन तेंदुलकर के इस स्टैच्यू को अहमदनगर के मूर्तिकार प्रमोद कांबले ने बनाया है। वानखेड़े स्टेडियम पर ही सचिन ने अपने करियर का आखिरी मुकाबला भी खेला था।
यहीं जीता था वर्ल्ड कप
भारत ने वानखेड़े स्टेडियम पर ही 2011 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। सचिन तेंदुलकर भी उस टीम का हिस्सा थे। 28 साल के इंतजार के बाद भारत ने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीती थी।