जीजेयू के छात्रावासों में हफ्ते में एक बार मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ परोसे जाएंगे


हिसारएक घंटा पहले

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भास्कर न्यूज | हिसार श्री अन्न मिलेट्स उत्पादन में भारत का अग्रणी स्थान है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हरियाणा की बाजरे की एचआर-16 हाइब्रिड किस्म ने दक्षिण अफ्रीकी देशों की भूखमरी की समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एचआर-16 वैराइटी दक्षिण अफ्रीकी देशों में साल में 2 बार उत्पादित की जाती है, जिससे वहां खाद्य समस्याओं का निदान हुआ है। यह बात जीजेयू कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स के उपलक्ष्य पर आयोजित विश्वविद्यालय के ‘फूड टेक्नोलॉजी’ विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई की धर्मपत्नी प्रो. वंदना बिश्नोई विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार ने की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मिलेट्स से तैयार खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाए तथा प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। कुलपति ने कहा कि गुजवि के छात्रावासों में भी सप्ताह में कम से कम एक बार मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थों की व्यवस्था की जाएगी। चेयरमैन डॉ. मनीष ने बताया कि मिलेट्स की फसलें जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को भी झेल सकती हैं। साल 2022 में भारत में 170 लाख टन मिलेट्स का उत्पादन हुआ।


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