टीम इंडिया क्या वर्ल्ड क्रिकेट की नई चोकर बन गई है?


विश्व कप में मिली हार के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा

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भारतीय क्रिकेट टीम का तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का ख़्वाब, ख़्वाब ही रह गया.

पूरे टूर्नामेंट में शेर-दिल अंदाज़ में खेलने वाली टीम इंडिया रविवार को ऑस्ट्रेलिया के सामने बेबस सी नज़र आई.

ऑस्ट्रेलिया ने लगभग एकतरफ़ा अंदाज़ में फ़ाइनल मुक़ाबला अपने नाम करते हुए वर्ल्ड कप ट्रॉफी को छठी बार जीत लिया.

मैच के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, मोहम्मद शमी समेत सभी इंडियन प्लेयर्स मायूस चेहरों के साथ सीढ़ियां चढ़ते हुए ड्रेसिंग रूम में लौट रहे थे.

फैंस का टूटा दिल

विश्व कप का फाइनल हारने के बाद भारतीय खिलाड़ी

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वहीं स्टेडियम को नीला समंदर बना देने वाले भारतीय फैंस भी अपने टूटे दिलों के साथ घरों को लौट रहे थे.

लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब टीम इंडिया और उसके फैंस का दिल इस तरह टूटा हो.

सेमीफ़ाइनल या फ़ाइनल मैच में हारना जैसे इस टीम की एक बुरी आदत सी बन गई है.

कहा जा रहा है कि ये टीम बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट मैच का दबाव नहीं झेल पाती.

और इसीलिए इस टीम इंडिया को वर्ल्ड क्रिकेट की नई ‘चोकर’ कहा जा रहा है.

कौन कहलाता है चोकर

2013 में चैंपियन ट्राफी जीतने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ी

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चोकर- मतलब वो टीम जो अहम मौक़े पर चोक कर जाती है. यानी दबाव में बिखर जाती है और हाथ आए मौक़ों को गँवा देती है.

आँकड़ों के लिहाज़ से बीते 10 सालों में टीम इंडिया को 9 बार सेमीफ़ाइनल या फ़ाइनल में इसी तरह चोक करते हुए हार मिली है.

भारत ने अपनी आख़िरी आईसीसी ट्रॉफी साल 2013 में जीती थी. तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने चैंपियन ट्रॉफी अपने हाथों में थामी थी.

लेकिन वो आख़िरी मौक़ा था जब आईसीसी की कोई ट्रॉफी भारतीय टीम के कैबिनेट तक पहुँची.

अहम मुक़ाबलों में कब कब हारी टीम इंडिया

2014 का टी20 विश्व कप का फाइनल मुकाबला हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी

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1- इसके बाद साल 2014 में टी20 वर्ल्ड कप खेला गया. भारतीय टीम को यहाँ जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था.

टीम इंडिया शानदार खेलते हुए फ़ाइनल तक भी पहुँची. लेकिन यहाँ वो श्रीलंका से छह विकेट से हार गई. तब टीम की धीमी बैटिंग को इसका ज़िम्मेदार माना गया था. युवराज सिंह 21 गेंदों पर 11 रन बना सके थे. टीम पूरे 20 ओवर में 130 रन ही बना पाई थी. इसे श्रीलंका की टीम ने 13 गेंदे बाकी रहते बहुत आसानी से चेज़ कर लिया था.

2- इसके एक साल बाद आया 2015 का वनडे वर्ल्ड कप. यहां भी टीम इंडिया ने शुरुआत से ही ग़ज़ब की रफ़्तार पकड़ी. लीग स्टेज के मैच जीतते हुए भारतीय टीम सेमीफ़ाइनल में पहुँची.

सेमीफ़ाइनल में उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ और एक बार फिर वही कहानी दोहराई गई.

पहले खेलते हुए जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने 328 रन बनाए. इसके जवाब में टीम इंडिया 233 रनों पर ही ढेर हो गई और ख़ाली हाथ वापस लौटी.

3-एक साल बाद 2016 में टी20 वर्ल्ड कप खेला गया. माना जा रहा था कि यहां टीम इंडिया चैंपियन बन जाएगी क्योंकि ये टूर्नामेंट भारत में ही खेला जा रहा था.

भारतीय टीम सेमीफ़ाइनल तक पहुँची, जहाँ उसके सामने वेस्ट इंडीज़ की टीम थी. भारत ने पहले खेलते हुए शानदार 192 रन बनाए. जीत के लक्ष्य का पीछा कर रही वेस्ट इंडीज के शुरुआती विकेट भी जल्दी ही गिर गए, लेकिन फिर सिमंस और रसेल टिक गए. दोनों ने दो गेंदे बाकी रहते ही अपनी टीम को जीत दिला दी.

2016 के टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को हराने के बाद वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी

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4-इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान बदल गए. साल 2017 में महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम इंडिया की कमान विराट कोहली ने संभाली. चैंपियंस ट्रॉफी खेलने गई भारतीय टीम ने एक बार फिर धमाकेदार तरीक़े से सभी लीग मैच खेले फ़ाइनल तक पहुँची. वहाँ उसका सामना पाकिस्तान से होना था.

इस मैच से पहले भारत कभी भी आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान से नहीं हारा था. लग रहा था कि यहां तो टीम इंडिया ट्रॉफी लेकर ही घर आएगी.

लेकिन फाइनल मुक़ाबले में भारत और ट्रॉफी के बीच आ गए फ़ख़र जमान. उनके शानदार शतक की बदौलत पाकिस्तान ने 358 रन का स्कोर खड़ा किया. लेकिन भारत की पूरी टीम 158 रन बनाकर आउट हो गई.

5. साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची. वहां वह न्यूजीलैंड से हार गई. उस सेमीफाइनल में महेंद्र सिंह धोनी का रन आउट सालों तक इंडियन फैंस के ज़हन में टीस की तरह चुभता रहा. वो इस मैच के बाद भारतीय टीम के लिए दोबारा खेलने नहीं आए.

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