शीर्ष अदालत ने कहा कि जब अदालत द्वारा आरोपियों की हिरासत जारी रखी जाती है, तो अदालतों से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे उचित समय के भीतर सुनवाई पूरी कर लें, जिससे संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त त्वरित सुनवाई के अधिकार को सुनिश्चित किया जा सके.