कानपुर में सड़क हादसा हो गया. यहां एक नाबालिग लड़का कार चला रहा था. उसने कार से दो 15 साल के लड़कों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत (Minor crushed 15 year old boy with car in Kanpur) हो गयी. कार से चार लड़के गंगा बैराज पर उन्नाव की ओर से तेज स्पीड से आ रहे थे.
कानपुर: लगातार यातायात विभाग के अफसर यह दावा करते हैं, कि उनके कर्मी रोड पर मुस्तैदी से चेकिंग करते हैं, और नियम तोड़ने वालों को सबक सिखाते हैं. कानपुर में गुरुवार देर रात एक ऐसी वारदात हुई, जिसने यातायात पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी. 15 साल का लड़का, जोकि काकादेव का रहने वाला है उसने अपनी कार से इतनी जोरदार टक्कर मारी, कि गंगा बैराज के समीप कांशीनगर निवासी 15 वर्षीय सागर की मौके पर मौत (Minor crushed 15 year old boy with car in Kanpur) हो गई.
पुलिस के आला अफसरों को जब इस मामले की सूचना मिली तो एसीपी मो.अकमल खां कई थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे तो वह भी दंग रह गए. कार में चार युवा थे. चारों की उम्र 15 से 18 साल के बीच थी. कार में शराब की बोतलें, सिगरेट और मसाला भी था. कार की टक्कर से गंगा बैराज के समीप बनी कई मैगी की दुकानें टूट गईं. वहीं 15 साल का लड़का मनीष बुरी तरह घायल हो गया था. इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गयी.
एसीपी मो.अकमल खां ने बताया, कि चारों कार सवार लड़के उन्नाव की ओर से कानपुर आ रहे थे. गंगा बैराज से थोड़ा आगे सूनसान रास्ते पर यह हादसा (Kanpur Road Accident) हुआ. हादसे के बाद पुलिस ने चारों लड़कों को हिरासत में ले लिया है. नवाबगंज थाना प्रभारी ने बताया, कि लग्जरी कार में 15 वर्षीय लड़के के अलावा, दर्शनपुरवा निवासी 15 साल का लड़का, अफीमकोठी निवासी 17 वर्षीय लड़का और शांति नगर निवासी 18 वर्षीय सक्षम शामिल था. सभी ने बताया, कि वह पढ़ाई कर रहे हैं.
सर्जन के बेटे ने चढ़ायी कार: गंगा बैराज के पास मैगी पॉइंट पर गुरुवार देर रात हुए हादसे में पुलिस ने जब 15 वर्षीय लड़के से पूछताछ की. तो उसने बताया कि उसके पिता संदेश कटियार सर्जन हैं. लड़के ने ये भी बताया, कि उसने कार अपने एक परिचित से यह कहकर मांगी थी. उसे घर का सामान लाना था. उस परिचित का नाम शिवाय बताया जा रहा है. पुलिस की पड़ताल में ये सामने आया कि कार हरबंशमोहाल निवासी दीपा मित्तल के नाम पंजीकृत है. अब पुलिस ने चारों छात्रों के परिजनों और गाड़ी मालिक को थाने बुलाया है.
अचानक ऑटो सामने आने के कारण हुआ हादसा: हादसे चारों छात्र बहुत अधिक घबरा गए थे. छात्र लगातार पुलिस से कह रहे थे, कि उन्हें बचा लिया जाए. वहीं छात्रों ने घटना के कुछ देर बाद ही पुलिस को बताया था कि जब वो सभी वापस लौट रहे थे, तो सामने अचानक ऑटो आ गयी थी. ऑटो से कार को बचाते समय कार अनियंत्रित हो गयी और हादसा हो गया. देर रात तक पुलिस ने छात्रों से कई सवाल भी किये, जिसका वो सही से जवाब नहीं दे सके.
किसकी अनुमति पर लगीं मैगी की दुकानें: इस पूरे मामले पर पुलिस भी कटघरे में है. दरअसल जहां हादसा हुआ, उस गंगा बैराज मार्ग से रोजाना की संख्या में वाहन लख़नऊ, उन्नाव समेत अन्य शहरों के लिए जाते हैं. अब लोग यह कह रहे हैं, कि पुलिस बताये इतने व्यस्ततम मार्ग पर अवैध दुकानों के संचालन की अनुमति किसने दी.
इन सवालों का पुलिस को देना होगा जवाब:
इस घटना ने एक बार फिर कानपुर में खाकी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए. लोगों का कहना था, कि इन लड़कों को गंगा बैराज से उन्नाव की ओर जाते हुए किसी पुलिसकर्मी ने क्यों नहीं देखा? जब यह घर से निकले तो आखिर परिजनों ने इन्हें कार चलाने से क्यों नहीं रोका? जिस लड़के की मौत हो गई, उसका जिम्मेदार कौन है? अगर रास्तों में कहीं पर भी सघन चेकिंग हो रही होती, तो यह हादसा क्यों होता? इस तरह के कई अन्य सवालों का जवाब अब पुलिस के जिम्मेदार अफसरों को देना होगा.
हमार बउआ की तो कोई गलती न राहे, फिर काहे ले लिन जान: मृतक सागर के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मृतक के परिजनों का कहना था- हमार बउआ की तो कोई गलती न राहे, फिर काहे जान ले लिन उसकी. लगातार परिजन एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे और शांत कर रहे थे. (Crime News UP)