दिलचस्प:सिर्फ खाना ही नहीं बर्तन भी पौष्टिक हैं,खाने के साथ इन्हें भी खा लीजिए


रिपोर्ट- राहुल दवे
इंदौर. हम खाना खाते हैं और उसके बाद बर्तन मांझने के लिए रख देते हैं. अगर आपसे कहा जाए कि खाने के साथ बर्तन भी खा लीजिए तो आप चौंक जाएंगे. लेकिन इंदौर में ऐसा ही हो रहा है. यहां खाने के साथ बर्तन भी खाए जा रहे हैं. नुकसान तो दूर की बात इन्हें खाने से फायदा ही फायदा है. ये बेहद पौष्टिक हैं. ये इनोवेशन खान पान के लिए प्रसिद्ध देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में हो रहा है. यहां खाने वाले बर्तन बनाए जा रहे हैं. पहले बर्तनों में खाना खाइए और फिर बर्तन भी खा जाइए. ये बर्तन मिलेट्स यानि मोटे अनाज से बनाए जा रहे हैं.

स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट इंदौर के छात्रों ने इन्हें तैयार किया है. रागी और उड़द दाल के आटे में गुड़ और नमक मिलाकर कटोरी, चम्मच और छोटी प्लेट तैयार की गई हैं. मप्र पर्यटन विकास बोर्ड ये संस्थान चलाता है. लैब टेस्ट में ये बर्तन खाने में पूरी तरह सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण निकले हैं. लेकिन बस शर्त ये है कि इन बर्तनों का उपयोग एक महीने के अंदर करना होता है.

पर्यटन महापर्व 2024 में मिलेंगे ये बर्तन
रागी के आटे से तैयार किए इन बर्तनों को आने वाले दिनों में दिल्ली में होने वाले पर्यटन महापर्व 2024 में पहली बार रखा जाएगा. पर्यटन विकास बोर्ड अपने सभी होटलों में भोजन परोसने के लिए इन बर्तनों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है.

पौष्टिक हैं ये बर्तन
मोटे अनाज में रागी का आटा खास अहमियत रखता है. रागी के आटे में आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. रागी के आटे से बने बर्तनों में खाना परोसने के बाद इन बर्तनों को खा भी सकते हैं, जो पूरी तरह से पौष्टिक और शुद्ध हैं. यह बर्तन खाने में नमकीन के साथ-साथ मीठे भी लगेंगे.

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इसलिए किया यह इनोवेशन
संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 को मोटे अनाज का साल घोषित किया था. रागी भी मोटे अनाज में ही शामिल है. हालांकि घरों में इसका उपयोग काफी कम हो गया है. इसे फिर से हर घर तक पहुंचाने के लिए यह इनोवेशन किया गया. रागी के बर्तन सेहतमंद तो बनाते ही हैं, ये पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं.

सुरक्षित और हेल्दी
इन बर्तनों का लैब में फूड टेस्टिंग करवाया गया. इसमें किसी तरह की एडिटिव का उपयोग नहीं किया गया.ये बैक्टीरियल फंगल और सूक्ष्म जीवाणुओं से पूर्णत: सुरक्षित निकले.ये पशुओं के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और हेल्दी हैं.

ऐसे तैयार होते हैं ये बर्तन
इन बर्तनों को बनाने में रागी के आटे, उड़द दाल का उपयोग किया गया. समान मात्रा में रागी और उड़द का आटा से माढ़कर फिर सांचे में ढालकर ओवन में बेक किया. इन बर्तनों में ठंडा-गर्म, ठोस-तरल हर तरह का खाद्य पदार्थ परोसा जाएगा. बाद में इन्हें भी खा सकते हैं.

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