धर्मशाला की सिर्फ कंडिशन इंग्लैंड की मनमाफिक, पिच नहीं, टेस्ट क्रिकेट में 1912 के बाद ऐसा होकर रहेगा!


धर्मशाला की सिर्फ कंडिशन इंग्लैंड की मनमाफिक, पिच नहीं, टेस्ट क्रिकेट में 1912 के बाद ऐसा होकर रहेगा!

धर्मशाला टेस्ट में स्पिनर्स को मिल सकती है मदद (Photo: AFP)

हवा में ठंडक, तापमान में गिरावट… मौसम का ये मिजाज भले ही इंग्लैंड की टीम को अपने घर की याद दिलाए. लेकिन, धर्मशाला की पिच नरमी नहीं बरते वाली. कंडिशन के मनमाफिक होने का मतलब ये नहीं कि पिच से भी इंग्लैंड को राहत मिलेगी. मतलब ये कि अपने जैसी आबो-हवा में क्रिकेट खेलते हुए भी बेन स्टोक्स एंड कंपनी की मुश्किलें होती नहीं दिखेंगी. अब सवाल है कि होगा क्या? पिच में ऐसा क्या है, जिससे इंग्लैंड को डरने की जरूरत है? तो बता दें कि वाइजैग, राजकोट और रांची की तरह ही धर्मशाला की पिच भी इंग्लैंड पर आफत बनकर टूटने वाली है. और, अगर ऐसा हो गया तो फिर टेस्ट क्रिकेट में कुछ वैसा देखने को मिलेगा, जो 1912 में दिखा था.

अब सवाल है कि साल 1912 टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में क्यों दर्ज है? तो वही तो वो साल था जब किसी टीम ने पहली बार 5 टेस्ट की सीरीज में 0-1 से पिछड़कर उसे 4-1 से जीता था. इस बार टीम इंडिया की गाड़ी भी उसी राह पर है. इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की मौजूदा टेस्ट सीरीज में भारत, पहला मैच हारने के बाद 3-1 की बढ़त ले चुका है. अब अगर वो धर्मशाला में 5वां टेस्ट भी जीतता है तो सीरीज पर उसका 4-1 से कब्जा हो जाएगा.

धर्मशाला की पिच, इंग्लैंड के लिए आफत!

अब सवाल है कि धर्मशाला की पिच में ऐसा खास क्या है, जिससे इस सीरीज में वैसा होता दिख सकता है, जैसा 1912 में हुआ था. दी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को धर्मशाला की पिच से भी वैसी ही मदद मिलने वाली है, जैसी वाइजैग से रांची तक मिलती दिखी है. रिपोर्ट के मुताबिक धर्मशाला की पिच फिलहाल ऐसी है जैसे भूरे रंग की परत. उस पर कोई घास नहीं है. बारिश और बर्फबारी के चलते पिछले कुछ दिनों से पिच पर कोई काम भी नहीं हुआ. लेकिन, 4 मार्च को मौसम खुलने के बाद इस पर काम शुरू हुआ है.

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धर्मशाला की पिच का बर्ताव कैसा होगा, इसे लेकर भी स्थिति अभी साफ नहीं है. ये तब तय होगा जब क्यूरेटर्स, भारतीय टीम मैनेजमेंट से बात करेंगे. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि भारत और इंग्लैंड के बीच 5वें टेस्ट की पिच धीमा टर्न लेने वाली ही होगी.

भारत की मददगार हो सकती है पिच

अब अगर ऐसा हुआ तो इंग्लैंड के लिए तो समस्या बड़ी होगी ही. क्योंकि, कुछ ऐसी ही धीमी और टर्न लेती पिचों पर भारत ने वाइजैग, राजकोट और रांची में खेले पिछले तीन टेस्ट में इंग्लैंड का शिकार किया है. धर्मशाला को तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार माना जाता था. इसलिए भी यहां इंग्लैंड की बल्ले-बल्ले मानी जा रही थी. लेकिन, अब जैसी पिच को लेकर खबर है, उससे तो यही लगता है कि मदद स्पिनर्स के लिए ज्यादा होगी.

7 मार्च से धर्मशाला टेस्ट, देख लें पिछला रिकॉर्ड

भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला टेस्ट 7 मार्च से खेला जाएगा. ये यहां खेला जाने वाला दूसरा टेस्ट मैच होगा. इससे पहले भारत ने यहां इकलौता टेस्ट साल 2017 में खेला था, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की थी. धर्मशाला में भारत का ये पिछला रिकॉर्ड भी इंग्लैंड पर दबाव बनाकर उसे हार की ओर धकेल सकता है.


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