केकेआर में गौतम गंभीर के साथ अपने संबंध को लेकर एक इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने कहा कि अगर उनकी लड़ाई नहीं हुई होती तो वह केकेआर के लिए और 2-3 साल खेल सकते थे। मनोज ने कहा, केकेआर में रहते हुए ड्रेसिंग रूम में गंभीर से मेरी एक बड़ी अनबन हुई थी, हालांकि ये बात कभी बाहर नहीं आई। 2012 में जब केकेआर ने आईपीएल ट्रॉफी जीती थी, तो मैंने विनिंग चौका लगाकर अहम भूमिका निभाई थी। इसकी वजह से मेरा कॉन्ट्रैक्ट टीम के साथ एक और साल के लिए बढ़ गया था।’
उन्होंने कहा, ‘अगर 2013 में गंभीर से लड़ाई नहीं होती, तो शायद मैं 2-3 साल और केकेआर के लिए खेलता और मेरा कॉन्ट्रैक्ट अमाउंट और भी बढ़ जाता और आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जाती। हालांकि, जो हो गया, उस पर मैंने कभी ज्यादा नहीं सोचा।’
धोनी पर भी मनोज लगाए गंभीर आरोप
क्रिकेट से संन्यास के बाद मनोज तिवारी करियर से जुड़े हर विवाद पर खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। गौतम गंभीर से पहले मनोज ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। मनोज तिवारी ने कहा कि धोनी ने उन्हें जानबूझकर टीम से बाहर रखने का काम किया था।
मनोज ने एक इंटरव्यू में बताया कि, ‘मुझे अगर मौका मिलेगा तो मैं धोनी से जरूर पूछुंगा कि जब मैंने टीम के लिए शतक लगाया और मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता तब भी उन्होंने मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया था।’
मनोज के इस बयान से खलबली मच गई है। उन्होंने धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब रोहित शर्मा, विराट कोहली और सुरेश रैना रन नहीं बना रहे थे तब भी उन्हें टीम में बरकरार रखा गया, लेकिन उन्हें जगह नहीं दी गई थी।