नये जमाने की शादियों में चखें फाइव स्टार वाला स्वाद: Food in Weddings


Food in Weddings: कुछ पचास-एक साल पहले तक शादियों में खान-पान का मतलब पूरी-सब्जी, दो तरह की मिठाई, रायता और दही बड़ा हुआ करता था। धीरे-धीरे समय बदला तो उसमें चाउमीन, गोल गप्पे और पनीर के एक-दो आइटम बढ़ गए। अब नए जमाने में हम बुफे पर आ गए हैं। पूरियों की वैराइटी के साथ नान भी होने लगी हैं और खाने की फेहरिस्त तो इतनी लंबी है कि पूछिए ही मत। कभी दस से बारह आइटम के मैन्यू के साथ वाली शादी हमें भव्य शादी लगा करती थी। अब तीन दर्जन से भी ज्यादा खाने के आइटम नजर आते हैं। दरअसल, अब शादी की सजावट के साथ-साथ कैटरिंग के भी नित नए ट्रेंड्स सामने आने लगे हैं। यह समय का एक बड़ा बदलाव है जहां कैटरिंग इंडस्ट्री स्वाद के साथ प्रजेंटेशन पर भी बहुत जोर दे रही है लेकिन एक बात जो पुरानी शादी और आज की शादियों में नहीं बदली है वो है शादी के खाने के प्रति हमारा उत्साह। हम उस पीढ़ी के लोग हैं जो पंगत के खाने में भी मजे लेते थे वहीं अब इंटरनेशनल कुजींस के साथ मनोरंजन करना हमारे लिए जरूरी कामों में से एक है।

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पारंपरिक के साथ फ्यूजन

Food in Weddings
Food in Weddings-Fusion

फ्यूजन जूलरी और ड्रेस के बाद अब कैटरिंग में भी फ्यूजन के जायके महकने लगे हैं। इतना ही नहीं स्थानीय और पारंपरिक खानों ने भी इन शादियों में अपनी एक खास बनाई है। यों भी हम देखें तो खाने के इन मसालों में ही तो कहीं न कहीं हमारी धरोहर छिपी है। अब कपल्स अपने कल्वरल हैरिटेज को खाने के जरिए दिखा रहे हैं। ऐसे में जो लोग जहां के होते हैं वहां का स्थानीय खाना इंटरनेशनल कुजींस के बीच में अपनी खास पहचान बना रहा है और उसे पसंद भी किया जा रहा है। अब लोग प्रयोग करने से नहीं हिचकिचाते खाने में भी आपको बहुत प्रयोग नजर आएंगे। यही कारण है कि फ्यूजन फूड को भी खाने के शौकीन खासा पसंद कर रहे हैं।

फूड स्टेशन

भारत में शादी का मतलब मनोरंजन है। मेहमानों की बात करें तो चाहे कोई भी जमाना रहा है। पलकों पर बैठाकर उन्हें चाव और बेहद मनुहार से खिलाने का रिवाज रहा है। मेहमानों की पसंद को देखते हुए फूड स्टेशंस की अवधारणा भी लोगों को देखने को मिल रही है। जहां मेहमान अपनी पसंद-नापसंद के अनुसार अपने खाने को कस्टमाइज कर सकते हैं। यानी कि अगर आपको प्याज पसंद नहीं है या आपको ऑलिव ज्यादा लेने हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं। इसके इतर आप यह भी देख सकते हैं कि खाना बन कैसे रहा है। यह बड़े होटल्स और रेस्त्रां के लाइव किचन कॉन्सेप्ट जैसा है। लाइव डोसा और चाट के काउंटर हमने देखे हैं लेकिन आने वाले समय में पास्ता और डेजर्ट बार भी देखने को मिलेगा।

सेहतमंद विकल्प

शादी में ऐसे बहुत से लोग आते हैं जो कि सेहत को ज्यादा सतर्क रहते हैं लेकिन अगर हम पहले की बात करें तो यह लोग सलाद और फलों से ही अपना गुजारा करते नजर आते थे। अर्थशास्त्र का यही नियम है कि जहां मांग होती है उसकी पूर्ति के लिए बाजार अपने आपको तैयार करता है। कैटरिंग इंडस्ट्री ने इस नब्ज को पकड़ लिया है। अब खाने में सिर्फ मांसाहारी और शाकाहारी विकल्प नहीं मिलता। अब शाकाहारी में भी आपको वेगन, ग्लूटन फ्री जैसे विकल्प मिलते हैं। यहां तक कि स्थानीय बाजारों में मिलने वाले ऑर्गेनिक मसाले अब काफी पसंद किए जा रहे हैं। आपको ओट्स चाट जैसे विकल्प भी नजर आएंगे।

रचनात्मक प्रस्तुतिकरण

बहुत तरह-तरह से खाने के व्यंजनों को प्रस्तुत करने का तरीका हमारा नहीं आधुनिक है। अब जब इंटरनेशनल कुजींस हमारे स्वाद का हिस्सा बन चुकी हैं तो इन्हें पेश करने का अंदाज भी बेहद रचनात्मक हो चला है। कैटर्स के स्वाद के साथ विजुअल डिलाइट पर भी है। बहुत तरह के व्यंजनों को परोसा जा रहा है। जैसे कि एपेटाइजर्स को चम्मच पर परोसना या फिर खाने पर सजावट के लिए एडिबल फूलों का लगाना।

सिग्नेचर कॉकटेल

अब जब शादियों में सभी कुछ निजी होता है तो सिग्नेचर कॉकटेल भी इन शादियों में अपनी एक खास जगह बना चुका है। कैटरर्स अनोखे और कलरफुल ड्रिंक्स लेकर आ रहे हैं जो कि शादी की थीम से मेल खाते हों। वहीं इनमें दूल्हा-दुलहन की पसंद का भी खास ख्याल रखा जाता है।

सदाबहार हैं ये व्यंजन

All Time Food in Weddings
All Time Food in Weddings

शाकाहारी खाने में पनीर का लेकिन आज भी कोई मुकाबला नहीं है। हाई टी में भी आपको पनीर टिक्का मिलेगा और मुख्य व्यंजनों में तो पनीर लबाबदार, शाही पनीर, पालक पनीर नजर आएगा। इसके अलावा चाहे कोई भी ट्रेंड क्यों न आ जाए आप दाल को नकार नहीं सकते। इसमें मसाला और दाल फ्राई का ट्रेंड कभी खत्म नहीं होने वाला है।

राजस्थानी व्यंजन

राजस्थान में पिछले दस सालों में सिग्नेचर वेडिंग की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में परिणीति चोपड़ा ने भी यहां शादी की है। कैटरिंग इंडस्ट्री में राजस्थानी खानों में अब केवल दाल बाटी चूरमा नहीं है। अब लाप्सी, सेव टमाटर की सब्जी, आटे की चक्की भी इन कुजींस के साथ विदेशी मेहमान पसंद कर रहे हैं। सेलेब्रिटी के अलावा यहां एनआरआई भी आकर शादियां करते हैं। यहां का देसी घी में बना खाना उन्हें अपनी जड़ों की फिर से याद दिलाता है। इस स्वाद के मोहपाश में वो बंध जाते हैं।

मांसाहारी भोजन में तुर्की खाना

पहले नॉनवेज को लोग मुगलई खानों के साथ जोड़कर देखते थे जिसमें चिकन और मटन की बहुत वैराइटी होती थी लेकिन अब नॉनवेज खाने में टॢकश फूड पसंद किया जा रहा है। टॢकश खाने की बात करें तो इनमें बहुत कम मसाले में नॉनवेज को बनाया जाता है। इसमें कबाब और टिक्के की वैराइटी बहुत ज्यादा होती है। इसकी बिरयानी में ड्राई फ्रूट्स होते हैं। चूंकि यह खाना मांसाहारी होते हुए भी हैवी नहीं होता इसलिए लोग इसे चाव से खाते हैं।

विदेशी भोजन में लैबनीज व्यंजन

हम भारतीयों की खास बात है कि हम पारंपरिक खानों को बेहद पसंद करते हैं लेकिन प्रयोग करना चाहते हैं। बीते दस साल के ट्रेंड की बात करें तो हमने इटैलैयिन और चाइनीज कुजीन को हमारे खाने में आते हुए देखा है। अब तो यह हमारे स्वाद में इतने घुल-मिल गए हैं कि शादी का खाना इनके बिना अधूरा सा लगता है। इन इंटरनेशनल कुजींस में अब एक नया ट्रेंड लैबनीज का है। हालांकि अभी यह इतना चॢचत नहीं है लेकिन आने वाले समय में जिस तरह हम आज पास्ता और पिज्जा खाते हैं वैसे ही शावरमा, पीटा ब्रेड, फलाफल हमस को एंजॉय करते नजर आएंगे। हां, मीठे में भी बकलावा अपनी जगह बनाएगा। वैसे भी कभी न कभी हम सभी ने इसका स्वाद चखा है। अब वो दिन दूर नहीं जब यह हमारे गुलाब जामुन के साथ जुगलबंदी करेगा।


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