दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में एक हाई स्कोरिंग मैच जारी था। टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली ने स्कोरबोर्ड पर आठ विकेट खोकर 221 रन बनाए। जवाब में राजस्थान रॉयल्स ने जबरदस्त अंदाज में पलटवार किया। संजू सैमसन शुरूआत से ही अच्छी लय में नजर आए। 28 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। रॉयल्स को आखिरी पांच ओवर में जीत के लिए 63 रन की दरकार थी। मैच के इस नाजुक मौके पर अंपायर्स से एक नहीं बल्कि दो-दो अहम गलतियां हो गई। टूर्नामेंट जब अपने अंत की ओर बढ़ रहा हो। एक-एक पॉइंट प्लेऑफ में पहुंचने के लिए अहम हो तो अंपायरिंग भी उतनी ही सावधानी से होनी चाहिए।
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बाउंड्री पर संजू सैमसन का विवादित कैच
16वें ओवर की चौथी बॉल पर जमकर ड्रामा हुआ। दरसअल, इस ओवर की जिम्मेदारी तेज गेंदबाद मुकेश कुमार के पास थी। शुरुआती तीन गेंदों में सिर्फ तीन रन देने के बाद मुकेश ने चौथी बॉल आउट साइड ऑफ स्टंप स्लोअर फेंकी। लैंथ पर आई 118 KM/H की इस गेंद को सैमसन ने सीधा मारा, जो छक्के के लिए जा रही थी, लेकिन अचानक शाई होप वहां आ टपके और अपनी बायीं ओर छाती की ऊंचाई के आसपास कैच ले लिया। पहले दो-तीन कदम दोनों पैरों को लड़खड़ाते और आगे की ओर घसीटते ले गए और बाउंड्री कुशन से दूर रहने की कोशिश करते दिखे हालांकि रिप्ले में साफ नजर आया कि जूता बाउंड्री के बेहद करीब था। बिना चेक किए अंपायर्स ने संजू सैमसन को आउट दे दिया। संजू पहले तो आधे रास्ते तक लौट गए और फिर वापस आकर अंपायर्स से बातचीत करने लगे। वह वापस नहीं जाना चाहते थे। राजस्थान के डगआउट में भी काफी गहमागहमी दिखी। संजू डीआरएस लेना चाहते थे, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब आपके पास टेक्नॉलॉजी है तो इतने निर्णायक मौके पर क्रीज पर सेट बल्लेबाज को बिना अच्छे से जांचे-परखे आउट कैसे दिया जा सकता है।
19वें ओवर में जबरदस्ती की वाइड
अंपायर्स की लापरवाही यही नहीं थमी। 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर भी इसी तरह की घटिया डिसिजन मेकिंग देखने को मिली। तेज गेंदबाद रसिख सलाम डार ने रोवमैन पॉवेल को ऑफ साइड के बाहर फुल गेंद फेंकी, जिसे कायदे से वाइड दिया जाना चाहिए था, लेकिन अंपायर्स के मुताबिक वह लीगल डिलिवरी थी। पॉवेल ने फौरन रिव्यू ले लिया। रिप्ले में साफ पता चल रहा था कि शॉट खेलने के लिए पॉवेल ने घुटना टेकर उस मारने की कोशिश की, लेकिन गेंद काफी बाहर थी। बल्ला क्रीज के ठीक सामने था और गेंद शायद आधा मीटर आगे तक गई, लेकिन बल्ले ने फ्रंट-ऑन कोण से गेंद को छिपा दिया। थर्ड अंपायर ने कई बार रिप्ले देखने के बावजूद वाइड डिसिजन को पलटना जरूरी नहीं समझा और कह दिया कि कॉल रिवर्स करने का कोई निर्णायक सबूत नहीं है। इस डॉट बॉल के बाद अब राजस्थान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन की दरकार थी। दबाव में पॉवेल टूट गए और राजस्थान जीत से 20 रन दूर रह गई।