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पतंजलि फूड्स को GST इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट की तरफ से एक कारण बताओ नोटिस मिला है, जिसमें पूछा गया है कि कंपनी बताए कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाए.
26 अप्रैल को कंपनी की ओर से दाखिल की गई एक रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, पतंजलि आयुर्वेद ग्रुप की खासतौर पर खाने के तेल का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि फूड्स को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है.
कंपनी ने कहा ‘कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस मिला है, जिसमें ये कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज समेत) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए.’
GST डिपार्टमें ने इसमें इंटीग्रेटेड GST (ISGT) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ सेंट्रल GST अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य GST अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला दिया है.
पतंजलि फूड्स का कहना है कि अभी तक अथॉरिटी ने केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कंपनी प्राधिकरण के सामने अपने मामले का बचाव करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी. कंपनी का कहना है कि जबतक कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती है, ये तय नहीं किया जा सकता है कि इसका कितना वित्तीय असर होगा.
पिछले हफ्ते, पतंजलि फूड्स ने कहा था कि वो प्रोमोटर ग्रुप पतंजलि आयुर्वेद के नॉन-फूड बिजनेस के अधिग्रहण के प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी. एक रेगुलेटरी फाइलिंग में पतंजलि फूड्स ने बताया कि उसके बोर्ड ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के नॉन-फूड बिजनेस को कंपनी को बेचने के लिए मिले प्रस्ताव पर चर्चा की है. 1986 में शुरू हुई कंपनी, पतंजलि फूड्स लिमिटेड, जिसे पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, एक बड़ी FMCG कंपनी है.