परेशानियों से जूझने के बाद उड़ान भरने लगी है नेपाल की क्रिकेट टीम


Asia Cup एशिया कप से बाहर निकलने वाली पहली टीम नेपाल बनी है जो कि पहले से फैंस और विशेषज्ञों को पता था लेकिन एशिया कप के दोनों मुकाबलों में नेपाल ने फैंस को खुश होनेे के लिए काफी कुछ दिया खासकर भारत के खिलाफ 230 रनों का स्कोर खड़ा करने पर नेपाली फैंस खासे खुश थे। पाकिस्तान को भी पहले मैच में 122 पर 4 विकेट लेकर नेपाल की टीम बेहतर स्थिति में लेकिन उसके बाद टीम दबाव में बिखर गई।

आम तौर पर सुर्खियों के आदी नहीं होने के कारण नेपाल के क्रिकेटर यहां इंडोर नेट सत्र के बाद कुछ खेल प्रशसंकों, पत्रकारों और कैमरामैन को देखकर थोड़े चकित दिख रहे थे।नेपाल के खिलाड़ियों को थोड़ा संकोच भी हो रहा था क्योंकि घरेलू मैदानों पर या फिर एसोसिएट देशों के टूर्नामेंट के दौरान इस स्तर की चकाचौंध नहीं दिखती।

नेपाल के कप्तान रोहित पौदेल ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए अद्भुत अनुभव है। मैं अब महसूस कर सकता हूं कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेटरों के इतने सारे प्रशंसक कैसे अनुकरण करते हैं और मीडिया उनके पीछे क्यूं रहता है। ’’

इस साल के शुरु में एसीसी प्रीमियर कप में फाइनल में संयुक्त अरब अमीरात पर जीत के बाद उन्हें ताकतवर टीमों के साथ कंधे से कंधा मिलाने का मौका मिला, जिसका नेपाल ने बखूबी फायदा उठाया।।
नेपाल के पुयुथान गांव के इस आल राउंडर ने कहा, ‘‘हमारे पास अपने देश में इतनी सारी सुविधायें नहीं हैं। हमें अगर उचित क्रिकेट ट्रेनिंग करनी होती है तो अपने गांवों से काठमांडू आना पड़ता है। यह मुश्किल होता है लेकिन मैचों से पहले हमें ऐसा करना होता है। ’’

संदीप लामिछाने नेपाल के एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्हें शीर्ष स्तर पर पेशेवर क्रिकेट खेलने का थोड़ा अनुभव है। यह लेग स्पिनर इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा रह चुका है। इसके अलावा वह अन्य लीग जैसे सीपीएल, बीबीएल और पीएसएल आदि में खेल चुके हैं।

लामिछाने ने कहा, ‘‘हर कोई अब देख सकता है कि हम एशिया कप में खेल रहे हैं। लेकिन किसी को नहीं पता कि हम कितनी मुश्किलों से यहां तक पहुंचे हैं। टीम के ज्यादातर खिलाड़ी काठमांडू से बाहर रहते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ट्रेनिंग के लिए शहर आना पड़ता है, किराये के घर में परिवार से दूर रहना पड़ता है। यह उनके लिए कठिन होता है। लेकिन वे इस बात से वाकिफ हैं कि उन्हें खुद के लिए दास्तान लिखने के लिए बलिदान देने ही होंगे। क्रिकेट के प्रति लगाव ही उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है। ’’

लामिछाने को लगता है कि नेपाल क्रिकेट ने जिस तरह की उड़ान भरनी शुरु की है, उसे बरकरार रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा धनराशि की जरूरत है।टीम के मैनेजर बिनोद कुमार को लगता है कि नेपाल को भविष्य में खिलाड़ियों को लाने के लिए घरेलू क्रिकेट सर्किट में सुधार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुखद है कि हमारा घरेलू ढांचा अच्छा नहीं है। यह तीन विभागिय टीम – नेपाल पुलिस, नेपाल सेना और नेपाल सैन्य बलों – और सात टीम के प्रांतीय टूर्नामेंट के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है। ’’
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