
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह बिहार में एनडीए के बीच हुए सीट बंटवारे में एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज थे। पशुपति पारस ने इस्तीफा देने हुए कहा कि उनकी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है। पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस्तीफा देने का ऐलान किया है। पशुपति पारस मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण (Ministry of Food Processing Industries) मंत्री थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब पारस की जिम्मदारी कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) संभालेंगे। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, किरेन रिजिजू आज यानी बुधवार को दोपहर 12.30 बजे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, नई दिल्ली के पंचशील भवन स्थित कार्यालय में मंत्री, एफपीआई का कार्यभार संभालेंगे। राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय का प्रभार सौंपा जाए।
नाइंसाफी का आरोप
पशुपति कुमार पारस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत में अपनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को शामिल नहीं करके उसके साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया था। इससे पहले सोमवार को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने पारस के प्रतिद्वंद्वी, उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को पांच सीट देने की घोषणा की थी।
राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, ‘‘राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर पशुपति कुमार पारस का केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।’’ इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर किरेन रीजीजू को उनके मौजूदा विभाग के अतिरिक्त खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का कामकाज भी देखने का निर्देश दिया है।
(भाषा इनपुट के साथ)