पाकिस्तान दौरे पर थी टीम…चलने लगी गोलियां, बाल-बाल बचे थे क्रिकेट टीम के खिलाड़ी


भारत और पाकिस्तान के बीच कल यानी 14 अक्टूबर को अहमदाबाद में क्रिकेट मैच होने वाला है. ऐसे में दोनों देशों के दर्शकों के बीच इस मैच को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. हालांकि, आज इस आर्टिकल में हम भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की नहीं, बल्कि पाकिस्तान में हुए उस घटना की बात करने वाले हैं जब श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आंतकियों ने घातक हमला कर दिया था.

कब हुआ था हमला?

क्रिकेट के इतिहास में इस दिन को काले दिन पर याद किया जाता है. तारीख थी 3 मार्च और साल था 2009. पाकिस्तान में उन दिनों क्रिकेट मैच का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा था. लेकिन ये पूरा क्रेज तब ठंडा पड़ गया जब खबर आई कि श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आतंकियों ने घात लगा कर हमला कर दिया है. सबसे बड़ी बात कि ये सबकुछ पाकिस्तान के एक बड़े शहर लाहौर में हुआ था.

लगी थीं दो गोलियां

इस हमले में श्रीलंकाई खिलाड़ियों को तो चोट लगी ही थी, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के अंपायर अहसान रजा गंभीर चोटें आई थीं. दरअसल, उनको दो गोलियां लगीं थीं. इनको लगी चोट इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों को अहसान रजा को बचाने के लिए 86 टांके लगाने पड़े थे. वहीं बस चालक को भी एक गोली लगी थी, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी.

स्टेडियम से सीध अपने देश पहुंचे खिलाड़ी

ये हमला इतना बड़ा था कि इसकी खबर पूरी दुनिया में फैल गई. पाकिस्तान सरकार पर लगातार दबाव बनने लगा. इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने खिलाड़ियों को गद्दाभी स्टेडियम से हेलिकॉप्टर के जरिए सीधे उनके देश पहुंचवाया. इस हमले में थिलन समरवीरा, कुमार संगाकारा, अजंता मेंडिस, थिलन तुषारा, तरंगा परनविताना और सुरंगा लकमल को गंभीर चोटें आई थीं. इस हमले के बाद पाकिस्तान की काफी निंदा हुई थी और वहां की सुरक्षा व्यवस्था और पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद पर काफी सवाल किए गए थे.

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