पिता चाहते थे वकील बने बेटा, लेकिन इत्तेफाक ने बना दिया स्टार, मैग्जीन में फोटो छपते ही उजड़ गई थी दुनिया


नई दिल्ली.  हिंदी सिनेमा की शुरुआत 1913 में हुई थी. उसके बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ते हुए हिंदी सिनेमा अपने पीक पर पहुंचा और इस दौरान इंडस्ट्री को कई सदाबहार एक्टर्स मिले. बॉलीवुड के ‘दादामुनि’ अशोक कुमार अब भले ही हमारे बीच मौजूद न हों, लेकिन अपनी फिल्मों और किरदार के जरिए वह आज भी सबके दिलों में जिंदा हैं. बहुमुखी प्रतिभा के धनी अशोक कुमार का नाम उन एक्टर्स में शुमार है जो किसी भी तरह के किरदार अदा कर दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ जाते थे.  फिल्मों में उनका करियर किसी एक तरह के रोल्स तक सीमित नहीं था. ‘दादामुनि’ के नाम से मशहूर अशोक कुमार ने तो सपने में भी फिल्मों का रुख करने के बारे में नहीं सोचा होगा.

एक सामान्य बंगाली परिवार में जन्में अशोक कुमार का असल नाम कुमुदलाल गांगुली था. उनके परिवार का दूर-दूर तक लाइट, कैमरा और एक्शन से कोई ताल्लुक नहीं था. एक्टर के पिता वकील थे और वह अपने बेटे को भी वकालत पढ़ाना चाहते थे, लेकिन एक्टर की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. पढ़ाई के डर से अशोक कुमार घर से भागकर काम-काज की तलाश में मुंबई जा पहुंचे और बस यहीं से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ ले लिया.

देविका रानी ने बदली किस्मत
अशोक कुमार ‘बॉम्बे टॉकीज’ में बतौर साउंड इंजीनियर काम करने लगे और अचानक एक दिन उनकी किस्मत ऐसी चमकी की वह सीधे पर्दे के सामने आ गए. दरअसल, एक दिन बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी की फिल्म का हीरो भाग गया था, जिसके बाद एक्ट्रेस की नजर अशोक कुमार पर पड़ी और उन्होंने उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करा लिया. अशोक कुमार पहली बार देविका रानी संग फिल्म ‘जीवन नैया’ में नजर आए थे. 

टूट गई सगाई
इस फिल्म से उन्हें कुछ खास लोकप्रियता नहीं मिली, लेकिन एक्टर के लिए इंडस्ट्री में नए मौकों के द्वार जरूर खुल गए. वह एक के बाद एक हिंदी फिल्में करते गए और उनका स्टारडम तेजी से बढ़ता गया और इसी वजह से अशोक कुमार की शादी होते-होते रह गई थी. दरअसल, अशोक कुमार के परिवार को काफी लंबे समय तक मालूम नहीं था कि वह फिल्मों में काम करते थे और इस वजह से जब एक दिन अचानक मैग्जीन में उनकी फोटो छपी तो उनकी मंगेतर हैरान रह गईं और इस सदमें में आकर उन्होंने दादामुनि संग सगाई भी तोड़ दी थी. 

अशोक कुमार ने दी थी पहली 1 करोड़ी फिल्म
निजी जिंदगी में उथल-पुथल मचने के बावजूद अशोक कुमार अपनी फिल्मों पर फोकस करते गए. साल 1936 में आई फिल्म ‘अछूत कन्या’ ने एक्टर की किस्मत पलट दी थी. अशोक कुमार बॉलीवुड को पहली एक करोड़ी फिल्म देने वाले एक्टर हैं. 1943 में आई उनकी फिल्म ‘किस्मत’ ने बॉक्स-ऑफिस पर ऐसी धूम मचाई थी कि फिल्म ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन दर्ज कर लिया था.

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