न्यूज़ीलैंड की एक 23 साल की एक महिला डिप्रेशन और बेचैनी से तंग आकर इसके लिए एक दवा ली थी. ये शायद उसके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि इस दवा ने उसका हाल इतना बदतर कर दिया जितना उसने कभी सोचा भी नहीं था. चार्लोट गिल्मर ने बताया ये दवा उन्हें इस तरह रिएक्ट कर गई कि उनकी त्वचा शरीर के अंदर और बाहर तक बुरी तरह जल गई.
न्यूज़ीलैंड आउटलेट स्टफ की रिपोर्ट के अनुसार, चार्लोट गिल्मर को स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम (एसजेएस) हो गया, जो कि एक रेयर डिसऑर्डर है जिससे उनकी त्वचा, मुंह और फूड पाइप में दर्दनाक छाले हो गए.
मेयो क्लिनिक के अनुसार, इस डिसऑर्डर की शुरुआत फ्लू जैसे लक्षणों से होती है जिसके बाद दाने निकलते हैं जो फफोलेदार हो जाते हैं और फैल जाते हैं. 10% रोगियों में ही स्थिति घातक होती है. डॉक्टरों का मानना है कि गिल्मर को लैमोट्रीजीन से गंभीर रिएक्शन हुआ है, जो दुनिया भर में दस लाख लोगों में से केवल एक कोही होता है.
पामर्स्टन नॉर्थ की गिल्मर ने कहा कि वह कई हफ्तों से छाती के संक्रमण से जूझ रही थीं और एक सुबह उठने पर उनके शरीर पर एक दर्दनाक दाने निकल आते थे. वे अस्पताल गई तो डॉक्टर उनके इस डिसऑर्डर को पकड़ नहीं पाए.
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गिल्मर ने याद करते हुए कहा,’इसके बारे में सबसे डरावनी बात यह है कि इसने मुझे अंदर से जला दिया. तो बाहर की सारी जलन इसलिए हुई क्योंकि मेरे अंदर का हिस्सा इतना जल गया था कि यह मेरी त्वचा के बाहर भी दिखाई देने लगा था.’
उसके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में छाले इतने खराब थे कि उसे फीडिंग ट्यूब से जोड़ना पड़ा. डॉक्टरों ने शुरू में उसे स्टेरॉयड पर रखा, लेकिन जब इससे उसे कोई फायदा नहीं हुआ तो उसकी दवा बंद कर दी गई. लेकिन इससे उनकी हालत और बिगड़ गई. एक रात ऐसी आई कि गिल्मर की नजर भी काफी कमजोर हो गई. 30 दिनों के इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उन्होंने कहा कि वह ठीक हो गई हैं लेकिन कुछ लक्षण अभी भी कभी-कभी उभर आते हैं. उन्होंने बताया, ‘मेरी आंखों में अभी भी छाले निकल आते हैं और दाने उभर आते हैं, लेकिन मैं ठीक हो रही हूं.’