फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए सैकड़ो बच्चे: इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल में हुए भर्ती, 8 बच्चों की हालत नाजुक, कांग्रेस ने की एयरलिफ्ट की मांग


जबलपुर35 मिनट पहले

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जबलपुर के रामपुर छापर के एकलव्य विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की वजह से सोमवार की रात को सैकड़ों बच्चों की जान आफत में पड़ गई। ये सभी बच्चें फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। सभी बच्चों ने शाम का खाना खाया था इसके बाद उनका जी मछलाना शुरू हो गया। इसमें से कुछ बच्चों को उल्टियां होना शुरू हो गई, उन्हें देखते ही सभी की स्थिति बिगड़ने लगी। आनन-फानन में सभी बच्चों को मेडिकल और जिला अस्पताल सहित निजी अस्पताल में भर्ती किया। बच्चों के बीमार होने की जानकारी लगते ही प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग का अमला भी मौके पर पहुंच गया। करीब 60 बच्चों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है जबकि इतने ही बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हैं।

बच्चों ने बताया कि उन्होंने सोमवार की दोपहर को दाल चावल सहित कटहल की सब्जी खाई थी और इसी के खाने के बाद से उन्हें उल्टियां होने लगी और चक्कर आने लगी। रामपुर स्थित एकलव्य हॉस्टल में करीब 400 बच्चे रहते हैं जिसमें की अधिकतर बच्चे बीमार हो गए हैं। सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बीमार बच्चों में 8 की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें कि एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजने के लिए जिला प्रशासन सहित स्थानीय विधायक ने राज्य सरकार से मांग की है। क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि सभी बच्चों को इलाज के लिए मेडिकल जिला अस्पताल और उन अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। उनका इलाज जारी है। अभी तक जिला अस्पताल में 35 बच्चे भर्ती हैं, जबकि इसके अलावा मेडिकल और अन्य निजी अस्पतालों में भी बच्चों को भर्ती करवाया गया है। बच्चों के बीमार होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। अपर कलेक्टर मिशा सिंह ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया कि सभी बीमार बच्चों को मेडिकल और जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है इसके अलावा कुछ बच्चों को निज अस्पताल में भी शिफ्ट किया गया है। एडीएम का कहना है कि सभी बच्चे फूड पॉइजनिंग के चलते बीमार हुए हैं।

बच्चों के बीमार होने की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक विनय सक्सेना भी मौके पर पहुंच गए। दैनिक भास्कर से बात करते हुए उन्होंने कहा की ये बहुत ही दुखद घटना है कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 30 से 40 बच्चे मेडिकल और 30 से 40 बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का बीमार होना एक दुखद घटना है। विधायक विनय सक्सेना ने मांग की है कि जो बच्चे गंभीर हैं उन्हें तुरंत एयर लिफ्ट कर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े अस्पताल में भर्ती करवाया जाए, जिससे कि उनकी जान बच सके। विधायक ने कलेक्टर से मांग की है कि वह इस पूरी घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी दें।

बीमार हुई एक बच्ची ने बताया कि उसने सोमवार की दोपहर को कटहल की सब्जी और दाल चावल खाई थी उसके बाद से ही अचानक उसे उल्टी होने लगी। इसके बाद एक दो नहीं बल्कि हॉस्टल में रहने वाले अधिकांश बच्चों को यह बीमारी हो गई जिसके बाद सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल इस पूरी घटना को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है। अभी 7 से 8 बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें की आईसीयू में भर्ती किया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया एकलव्य आवासीय विद्यालय के कुछ और बच्चों को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज भेजा गया है । उन्होंने बताया कि अब अस्पतालों में उपचार के लिये भर्ती बच्चों की संख्या 101 हो गई है । इनमें 55 बच्चे मेडिकल कॉलेज में, 37 बच्चे जिला अस्पताल में एवं 11 बच्चे निजी अस्पतालों में भर्ती है । सभी बच्चों को हालत स्थिर है। चिंता जैसी कोई बात नहीं है। सतर्कता के बतौर बच्चों को रात भर अस्पतालों में ही रखा जायेगा ।

जबलपुर में एक साथ सैकड़ो बच्चों के बीमार होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के मिश्रा ने राज्य सरकार पर बच्चों के बीमार होने का ठीकरा फोड़ा है। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि सोमवार को आदिवासी भाइयों के वोट की जुगाड़ में टंट्या मामा के कथित अवतार शिवराज सिंह चौहान जनजाति नायक शंकरशाह, रघुनाथशाह के बलिदान दिवस कार्यक्रम में जबलपुर पहुंचे थे। अपनी आदत के अनुसार प्राचारवादी सीएम ने खूब झूठी छात्रावास बनाने की घोषणा भी की थी। शाम को आदिवासी छात्रावास में विषाक्त भोजन से करीब 100 बच्चे प्रभावित हुए, जिन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रभावित बच्चों को ना हीं एंबुलेंस मिली और ना ही उपचार, इतना ही नहीं दवा के लिए भी बच्चे तरसते रहे।


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