पारंपरिक तरीके से बनी हैं मिठाइयां, हर जिले का अपना स्वाद-विशेषता
सिटी रिपोर्टर—शिमला
राजधानी के रिज में हिम ईरा फूड कार्निवाल में प्रदेश के सभी 12 जिलों का पारंपरिक खान-पान पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इन स्टालोंं में शिव शक्ति, स्वयं सहायता समूह से मीनाक्षी शर्मा ने शूगर फ्री मिठाइयों को ब्रिकी के लिए लगाया है, जिसकी खूब खरीदारी हो रही है। इन स्टालों में प्रदेश ही बल्कि देश-विदेश से लोग आकर अलग-अलग तरह की मिठाइयों का स्वाद चख रहे हैं। प्रदेश के हर कोने में बन रही मिठाइयां इन स्टालों में लगी है, जिन्हेें प्रदेश की संस्कृति के अनुरूप बनाया जाता है। मीनाक्षी शर्मा ने कोदे के लड्डू कोदा, बर्फी, बाजरा और ड्राई फ्रूट की मुडी, आचार, शहर आदि बिक्री के लिए लगाया है। इन उत्पादों की खूब खरीदारी हो रही है। हिम ईरा फूड कार्निवाल में लोग शुगर फ्री मिठाइयां काफी पसंद कर रहे हैं। शुगर फ्री मिठाइयों की कीमत 350 रुपए से 450 रुपए रखी गई है। वहं ड्राई फ्रूट और शहद, मुडी की कीमत 150 से 200 रुपए रखी गई है।
मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि इस प्रदर्शनी में अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इससे पहले भी रिज पर अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, उसमें भी लोगों से काफी मिठाइयां खरीदी। बता दें कि कार्निवाल में लगभग 30 स्टाल लगाए गए है, इनमें पारंपरिक व्यंजन, मिलेट्स से तैयार व्यंजन, पांरपरिक कपड़े और जैविक उत्पाद इत्यादि उपलब्ध हैं। इसके अलावा हर हर जिलेें की पारंपरिक धाम लोगों को यहां खाने को मिलती है। इसमें कांगड़ी, बिलासपुरी, हमीरपुरी धाम लोगों को पसंद आ रहे है। ऊपरी हिमाचल के पकवानों में शिमला, कुल्लू, सिरमौर और किन्नौर जिला के पारंपरिक लोगों को भा रहे है। इसके अलावा ऊना की मक्की की रोटी और सरसों का साग, सिरमौर की रूमाली रोटी, कोदे की रोटी, कुल्लू की चाय और गुच्छी का सूप भी खूब पसंद किया जा रहा है। सैलानियों को भी हिमाचली व्यंजन खूब पसंद आ रहे हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत लगभग 44 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 3,50,000 से ज्यादा ग्रामीण महिला सदस्य पंजीकृत है।